समर कैम्प
समर कैम्प
"हाँ तो बिग ब्रेव गाइज़! आपसे एक सवाल पूछती हूँ, आपकी मामी की ननद की ननद की गोतनी के बेटा या बेटी से आपका क्या रिश्ता होगा?"
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"अर्ली मॉर्निंग ऐण्ड इन इवनिंग में सूरजमुखी का फेस किधर होता है?"
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"यह तो झोंके हैं पवन के
हैं यह घुंघरू जीवन के
यह तो सुर है चमन के
खो न जाए
तारे ज़मीन पर
इसलिए मैं मनाकर रहा था कि इसे यहाँ मत भेजो। उसे माता-पिता के संग पहाड़ों पर घूमने जाने दो। लेकिन ना! तुम्हारी ज़िद थी। अब वो भुगते।"
"इसमें भुगतना क्या है! समय के साथ धीरे-धीरे सब सीख जायेगा।"
दुनिया की भीड़ में क्यों खो रहा
मिलेगा कुछ भी न फल जो बो रहा
तू आँखें अब खोलकर सब जाँच ले
तू अब सच और झूठ के बीच खाँच ले
जब तक सीख पायेगा तब तक••• और ना सीख पाया तो•••?"
"इसका उत्तर तुम्हें तब सोचना चाहिए था, जब तुम 'एकल परिवार में एक बच्चे' का झण्डा उठाये हुए थे। हम लोगों की पीढ़ी के बच्चे गर्मी की छुट्टी में दादी-नानी के गाँव जाते थे। तीस-चालीस बच्चों का समूह दिन में अमराई, ताल किनारे और रात में छत भिंगाकर तारों के चँदोआ तले ना जाने कितने रिश्ते जिए जाते थे और ना जाने कितने किस्से गढ़े जाते थे।"
"••••••"
"ये बचपन का प्यार अगर खो जाएगा
दिल कितना खाली खाली हो जाएगा
तेरे ख्यालों से इसे आबाद करेंगे,
तुझे याद करेंगे
मामी का भतीजा, बुआ की जयधी गुनगुनाते"