Vibha Rani Shrivastava

Inspirational Others

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Vibha Rani Shrivastava

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निर्वैयक्तिकता

निर्वैयक्तिकता

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"क्यों क्या हुआ? लगातार पाँच सालों से विदेश में होने वाले कार्यक्रम में प्रतिभागीता करने आपकी मंडली जा रही थी। मलेशिया, दुबई, अनेक देशों के प्रस्तावित कार्यक्रमों में आपका या आपकी मंडली में से किसी का नाम नहीं दिख रहा है?"

"थेथर साहित्यिक विभूतियों के बल पर चलने वाले साहित्यिक व्यापार का सच देर से उजागर हुआ। साहित्यिक जलसा में साहित्यिक नौटंकी से बाज़ार करना कितना आसान है न?"

"इसका अर्थ यह निकाला जाए कि अब आपलोग दूर देश विदेश के कार्यक्रमों के हिस्सा नहीं होंगे?"

"हमारी संस्था जहाँ आयोजित कर पायेगी वहाँ हम सभी की उपस्थिति अवश्य होगी ही। भ्रमण से व्यक्तित्व के संग सृजन कला का विस्तार होता है , भ्रमण बहुत सारे भ्रमों को दूर करता है।"



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