इसका नाम रखे "कलम बोलती है, पुस्तकालय। इसका नाम रखे "कलम बोलती है, पुस्तकालय।
"बस बहू, तू मेरे लिए ऐसा सोचती है ? मैं तो सुहागन ही जाऊंगी। तू अपना सोच।" "बस बहू, तू मेरे लिए ऐसा सोचती है ? मैं तो सुहागन ही जाऊंगी। तू अपना सोच।"
प्राणी भी मनुष्य के प्रति प्रेम रखते हैं और मनुष्यों से भी प्रेम चाहते हैं। प्राणी भी मनुष्य के प्रति प्रेम रखते हैं और मनुष्यों से भी प्रेम चाहते हैं।
एक दूसरे से गुत्थमगुत्था होकर मारपीट करते थे वह सब छरहरापन गायब हो गया था। एक दूसरे से गुत्थमगुत्था होकर मारपीट करते थे वह सब छरहरापन गायब हो गया था।
अब संयोग से ही उसी स्कूल में अध्यापन कार्य कर रही थी जिसमे जुम्मन पढ़ता था। अब संयोग से ही उसी स्कूल में अध्यापन कार्य कर रही थी जिसमे जुम्मन पढ़ता था।
काश रत्ना चाची जैसे ओर चाची - चाचा होते तो कई गरीब बच्चो का बचपन खो नहीं जाता। काश रत्ना चाची जैसे ओर चाची - चाचा होते तो कई गरीब बच्चो का बचपन खो नहीं जाता।