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Share with friendsउन्होने अपनी माँ से लिपट,गलबहिंयाँ डाल,पूछा था --"अम्माँ ,मै कैसे पैदा हुआ?"
Submitted on 07 Feb, 2021 at 09:17 AM
साहित्य बंद अलमारियों से धूल धूसरित हो रहा है।खुली हवा में सांस लेने के लिये तड़प रहा है
Submitted on 09 Jul, 2020 at 15:53 PM
बस मैंने आपको उस निगाह से कभी न देखा, न जाना, ना समझा।"
Submitted on 21 May, 2020 at 09:33 AM
, सहाय हवेली चलना है। बिटिया का रिश्ता पक्का करना है न।
Submitted on 21 May, 2020 at 09:27 AM
साहित्यकार की ख्यातिनाम कथा, दूसरा मेरी दीदी का स्नेह और याद।
Submitted on 20 May, 2020 at 12:26 PM
अरे बिटिया, तेरी अम्मी, बड़े नियम, धर्म वाली है।
Submitted on 04 Mar, 2020 at 02:12 AM
बेटियाँ बोझ नहीं होती। वे भी माँ-पिता का नाम रौशन करती है।
Submitted on 03 Mar, 2020 at 04:38 AM
संतोषी शिक्षा के महत्व को पहचानती थी।इसीलिये तो अपनी बेटी के स्कूल मे परेंट्स मीटिंग मे
Submitted on 02 Mar, 2020 at 06:56 AM
आखिर चित्रा ने वो घर छोड़ दिया।जहाँ वो रोज अपमानित होती रही।
Submitted on 01 Mar, 2020 at 05:57 AM
नव विवाहिता बहू पर उसे एकदम अपना अधिकार दिखाने से पहिले उसके स्वभाव व विचारो को परखना...
Submitted on 28 Feb, 2020 at 06:57 AM
लोग दूसरों के इशारे पर कठपुतली बनकर रह गये है वर्तमान में।
Submitted on 27 Feb, 2020 at 06:41 AM
इस कथा के माध्यम से मेरी मानना है किसी की भी प्रतिभा पर बंधन नहीं रखना चाहिये।
Submitted on 26 Feb, 2020 at 02:53 AM
उसके बिखरे बालों को चेहरे से हटाते हुए प्रेम पगे स्वर मे बोले"रुक्मि कितनी सुन्दर हो तु
Submitted on 25 Feb, 2020 at 04:02 AM
सुन्दर पैक किये हुए डिब्बे को खोला। बहुत खूबसूरत रँग बिरंगी चूडियों से भरा डिब्बा।और ऊप
Submitted on 24 Feb, 2020 at 12:03 PM
उस दिन के बाद कभी बच्चों ने शुभम का मज़ाक नहीं बनाया
Submitted on 19 Feb, 2020 at 10:43 AM
सीने मा आग सुलग गई है नसा के विरोध मे"गोमती के बूढ़े ससुर ने अपने बेटे से कहा।
Submitted on 12 Feb, 2020 at 06:46 AM
कजरी हम दो प्राणी है। छोटा बाल बच्चों वाला है। उसे ज्यादा जरुरत है।
Submitted on 22 Jan, 2020 at 15:29 PM
बालक ही तो है, निराशा उसे मेरे आँचल की ओर खींच लाती।
Submitted on 15 Jan, 2020 at 07:18 AM
स्वयमेव मेरे कदम पुलिस चौकी की ओर बढ़ गये।
Submitted on 08 Jan, 2020 at 11:18 AM
जिसने उनकी जीवन रक्षा की वो महिला उनके सामने की बर्थ पर ही बैठी थी
Submitted on 18 Dec, 2019 at 09:08 AM
लच्छू हलवाई के यहाँ से हलवा मँगवाने की आवश्यकता नहीं पड़ी।
Submitted on 21 Nov, 2019 at 15:57 PM
आदमी सफल होकर यश और नाम कमा सकता है। जाओ बिटिया मनोज की बात मान लो।
Submitted on 20 Nov, 2019 at 13:47 PM
जैसे आश्वाशन दे रही हो कि वो आने वाली अपनी पीढ़ी के साथ ऐसा नहीं होने देगी।
Submitted on 15 Nov, 2019 at 09:52 AM
वहां लड़की वाले बारात का रास्ता देख रहे होँगे। ताई जी की आवाज थी।
Submitted on 10 Nov, 2019 at 15:14 PM
ये पार्क में बैठा रो रहा था, पूछने पर कहने लगा मैं घर नहीं जाऊंगा।
Submitted on 09 Nov, 2019 at 15:50 PM
अपराध बोध से घिरी हुई, अपनी ही अकड़ में रही, मैं ही एक फोन कर लेती।
Submitted on 07 Nov, 2019 at 05:50 AM
छोटे ने पिता की तस्वीर भाई को पकड़ाई, बड़े ने उसे ठीक मां के बगल से दीवार में लगा दी।
Submitted on 04 Nov, 2019 at 09:22 AM
पंख पसारे मैं उड़ रहा था अंतहीन। उत्साहित मैं, कमरा फूलों से महक रहा था
Submitted on 12 Oct, 2019 at 16:23 PM
पूरे परिवार ने जानकी को बहुत से उपहार दिये। लगा जैसे बेटी विदा हो रही हो।
Submitted on 26 Sep, 2019 at 16:23 PM
नज़र उतार कर राजा राम जी की पत्नी ने बेटी दामाद को घर मे प्रवेश करवाया।
Submitted on 25 Sep, 2019 at 20:13 PM
"नहीं "हल्के से हँस दी प्रिया" उनकी यादों को अपने साथ अन्त समय तक रखना चाहती हूँ बस।"
Submitted on 22 Sep, 2019 at 09:49 AM
प्रिया ने मुझे बताया था, पिताजी ने केवल देखा था, तय नहीं किया था।
Submitted on 19 Sep, 2019 at 20:21 PM
पैरेंटस को उसके साथ खड़ा होना ही चाहिये न की उसे वहाँ अकेला असहाय छोड़ दिया जाय।
Submitted on 18 Sep, 2019 at 04:32 AM
हमारे शास्त्रों में स्त्री पुरुषों के लिये जो नियम कायदे बने वो निराधार तो नहीं हो सकते
Submitted on 04 Sep, 2019 at 08:23 AM
"काश ये हिम्मत मैंने पहिले कर ली होती।"आत्मविश्वास के साथ शिखा बोली।
Submitted on 22 Aug, 2019 at 04:38 AM
दुल्ली और दीमा, दोनों मरीज़ों की सेवा करती हैं, दीमा ने जनरल वार्ड की डायरिया पीड़ित लड़की की दिन भर सेवा की उसे भगवान का ...
Submitted on 07 Aug, 2019 at 15:10 PM
मैं यही कह रही हूँ मेरी छोटी रानी, बैर बाँधने से पहिले अतीत का प्रेम झाँक लेना चाहिये। अब तुम्हारी मरजी।
Submitted on 31 Jul, 2019 at 10:30 AM
मोटर ठीक करने आए लड़कों का हुलिया देख कर माया जी डर गयीं , पर जब उन्होंने उन्हें अपनी दादी जैसे कहा तो उनका डर जाता रहा
Submitted on 25 Jul, 2019 at 05:40 AM
समाज मे बरसो से चल रहे भेदभाव पर कटाक्ष करती एक रचना। एक निम्म कुल की लड़की अपने होने वाले ससुर को उनके उच्च कुल के भ्रम ...
Submitted on 17 Jul, 2019 at 07:46 AM
बेटे ने काफी मंहगे गिफ्ट भेजे है परदेस में रह कर भी कितना ध्यान रखता है, विद्धुत शवदाह गृह ने भी कितनी आसानी कर दी अब मु...
Submitted on 06 Jul, 2019 at 05:42 AM
सिंह साहेब के भिखारी से पूछने पर की वो कितना कमा लेता है और उन पैसों का क्या करता है, भिखारी बताता है की उसने एक ग़रीब ...
Submitted on 03 Jul, 2019 at 11:54 AM
रमन बाबु अपनी पड़ोसिन की शालीनता की बात अपनी बीवी को बता रहे थे और उसे भी वैसा बनने बोल रहे थे, पर जब वो अपने पति के साथ ...
Submitted on 28 Jun, 2019 at 15:43 PM
"मेरी मेम बहुत अच्छी है और शाला भी।"और मिन्नी बस्ता कन्धे पर रख चल देती।
Submitted on 26 Jun, 2019 at 08:07 AM
पता चलने पर की अलबेली को उसके पति ने मारा है सभी महिला पदाधिकारी पहुँच गयीं उसके घर और उसे अपने पति के खिलाफ रिपोर्ट लिख...
Submitted on 26 Jun, 2019 at 06:57 AM
कचरा लेने वाली अम्मा और उनकी नयी बहु का ज़मीन पर बैठना मुझे पसंद ना आया इसलिए मैंने उन्हें उपर बेंच पर बैठाया
Submitted on 15 Jun, 2019 at 11:58 AM
चल हमारे साथ, तेरे मरद की रिपोर्ट लिखाते है थाने में
Submitted on 12 Jun, 2019 at 05:57 AM
सूरज कहाँ छुपता है? वो तो चाँद को अपने सामने कर लेता है, अपनी रोशनी शीतल कर उसे देता है सारी रात। ताकि उसका चाँद कही रास...
Submitted on 08 Jun, 2019 at 14:27 PM
कोई दिन ऐसा नही जाता, जब ऐसी अमानुषिक खबर अखबार मे न हो। पेपर उठा कर परे रख दिया उसने।
Submitted on 06 Jun, 2019 at 14:14 PM
क्या मम्मी, ऐसे क्या देखते मेरे को? आपको क्या लगा मै चाय पीकर और रुपये लेकर भाग जाऊंगा
Submitted on 05 Jun, 2019 at 03:40 AM
अब हाड़ माँस का नहीं, एक आत्मा हूँ मैं, आत्मा की कोई जाति होती है भला।
Submitted on 03 Jun, 2019 at 07:55 AM
अपने जान से ज्यादा प्यारी बेटी को अपने पास रखे।" बारातियों से प्रस्थान करने को कहा।
Submitted on 29 May, 2019 at 04:24 AM
तुम्हें पूरा साल लग गया मुझे तलाशने में। एक ही शहर में रहकर भी। खैर किस काम से आये हो कारण बता दो।"
Submitted on 25 May, 2019 at 06:56 AM
मन में अनेक अंतर द्वंद लिये इस बहुरूपिये के बीज को पलने दे या........
Submitted on 22 May, 2019 at 07:07 AM
पापा अब की लौटो तो हमारे लिये सच्ची, मुच्ची की बन्दूक लाना।
Submitted on 20 May, 2019 at 06:31 AM
पिताजी ने अपना ट्रांसफर दूसरे शहर ले लिया। वो जानते थे की मैं बिना अपने दोस्तो के यहाँ जी नही पाऊंगा।
Submitted on 11 May, 2019 at 02:29 AM
"जो औरत इस तरह रस्सी पर चलती है उसे क्या कहते हैं....माँ" "नटिनी कहते है बेटा।" राजी ने कहा।
Submitted on 09 May, 2019 at 12:22 PM
कान्ता और रमेश को उनके आने की भनक भी नहीं लगी, श्रीधर उल्टे पैर दुकान...
Submitted on 08 May, 2019 at 18:38 PM
"बेटा वो आदि मानव हम ही है। उनका सभ्य, विकसित, सुसंस्कृत रुप। वो तुम्हें मारने नहीं तुमसे मिलने आ रहे थे।
Submitted on 07 May, 2019 at 17:17 PM
"पेड़ नहीं रहेंगे तो ताजी हवा नहीं मिलेगी, हम सब मर जाएँगे," चिन्नी का भाई चिंतित हो गया। मरने का डर समा गया। सारे बच्चे ...
Submitted on 06 May, 2019 at 16:49 PM
सेठ हँस पड़ा दरियादिली दिखाते हुए बोला--ले जा, तू भी क्या याद करेगा। गन्नू बोरा ले आया।गन्नू और उसकी बड़ी बहिन गीता ने ...
Submitted on 04 May, 2019 at 18:25 PM
अचानक मुझे अपना बिसरा हुआ निलेश मिल गया, जिसने आसमान को रंगों से भर दिया।
Submitted on 03 May, 2019 at 17:39 PM
मैं तो माँ बाबू की तरह अपनी मिट्टी में ही मिलकर अपने जीवन के सफर पूरा करना चाहता हूँ।
Submitted on 02 May, 2019 at 06:28 AM
पिता का रोग अच्छा होने लगा है पर समाज मे फैला ये जाति का कैन्सर युवा प्यार की धड़कनों को खत्म करता रहेगा।
Submitted on 02 May, 2019 at 02:11 AM
सारी पीड़ा को भूल उस पगली ने नन्हे सूरज को छाती से चिपका लिया।
Submitted on 01 May, 2019 at 09:05 AM
बादशाह खुश होकर इन चमचों को इनाम देता, एक-एक सोने की मुहर। बादशाह के मंत्री को ये अच्छा नहीं लगता था...
Submitted on 24 Apr, 2019 at 06:57 AM
"तब तो तुम अपनी फ्रेंड की बर्थडे मे न जा पाओगी" "मै तो जाऊंगी,और यही पहन कर जाऊंगी" पैर पटकना,रोना ,चिल्लाना यथावत था...
Submitted on 17 Apr, 2019 at 07:16 AM
जवाब मिला"मेरी शादी का कार्ड"।शादी का कार्ड नही एक भारी शिला खंड मेरे हृदय पर आकर गिरी।सौमित्र का एक एक शब्द तीर की तरह....
Submitted on 14 Apr, 2019 at 09:51 AM
रंजन के हाथों गुड़ खाकर रमिया ने पहिली करवा चौथ का व्रत तोड़ा।
Submitted on 10 Apr, 2019 at 07:37 AM
रति की दुनिया तो वैभव है। सच, कुछ सपनों के------
Submitted on 03 Apr, 2019 at 08:37 AM
जेश भाई की सबसे छोटी बहिन मेरी प्रिय सहेली थी।इस हिसाब से मै भी उन्हे भाई कहती थी।हम चारो पर राजेश भाई की सतर्क निगरानी ...
Submitted on 28 Mar, 2019 at 09:42 AM
नीरज ने चुपचाप रसोई में जाकर अम्मा, बाबूजी, राजी और खुद के लिये गैस पर चार कप चाय चढ़ा दी।
Submitted on 27 Mar, 2019 at 07:55 AM
उसके सपनों का राजकुमार आकाश, वो भी अब कमोबेश रवि जी की तरह होगा। मुस्करा पड़ी स्वर्णा........। मौन स्वीकृति थी यह।
Submitted on 20 Mar, 2019 at 08:33 AM
घर पर मातम सा पसरा था। खाना भी बना पर किसी से खाया न गया।
Submitted on 13 Mar, 2019 at 06:24 AM
लो, तुम भी मुझे एक थप्पड़ मार लो, हिसाब बराबर हो जाएगा।" नीरा मुस्करा कर थाली लगाने लगी।
Submitted on 06 Mar, 2019 at 06:13 AM
"तुम्हें भी तुम्हारा बेटा आश्रम में छोड़ गया और मुझे मेरा बेटा।"
Submitted on 28 Feb, 2019 at 03:50 AM
गालों पर बह आये आँसूओं को आस्तीन से पोंछ खड़ा हो गया विहान- "चलता हूँ, कोचिंग जाऊँगा"
Submitted on 27 Feb, 2019 at 03:56 AM
पूरी प्रकृति में ईश्वर का अंश है। मैंने जल ईश्वर को ही अर्पित किया। निर्वाण का ये भी एक पथ है।
Submitted on 20 Feb, 2019 at 05:37 AM
वह घर पहुँची, चाची ने पूछा, मुँह में खून कैसे लगा, दुर्गा बोली, एक दाँत टूट गया चाची।
Submitted on 13 Feb, 2019 at 04:56 AM
"भाग्यवती पाठशाला" हाँ यही नाम है शिक्षा केंद्र का, दादी को श्रद्धांजलि है, सुभागी की।
Submitted on 07 Feb, 2019 at 07:08 AM
मैं सोचता हूँ मैंने जीवन ईमानदारी और आत्मसम्मान के साथ बिताया है और अपनी नासमझी पर कोई अफसोस नहीं है मुझे।
Submitted on 07 Feb, 2019 at 06:59 AM
न ही अपनी भोगी वसीयत अपनी आने वाली पीढ़ी को देगी। इस जंग से जीतना है उसे।
Submitted on 06 Feb, 2019 at 05:49 AM
मैं दहेज मे आया तुम्हारे मायके का समान तो हूँ नहीं। मैं इसी घर का हूँ और यहीं रहूँगा।
Submitted on 03 Feb, 2019 at 16:29 PM
स्त्रियों का मनोबल बहुत मज़बूत होता है। वो कभी दौराह पर नहीं खड़ी रहती। अपना एक निर्णयात्मक मार्ग चुन उस राह पर चल पड़ती...
Submitted on 01 Feb, 2019 at 10:22 AM
अम्मा ऐसे मुस्कराई जैसे कोई अबोध बच्चा मुस्कराया।
Submitted on 01 Feb, 2019 at 10:12 AM
इमली हँस पड़ी.....नारी...वो तो गूँगी, बहरी, चेतना शून्य...देह....है।
Submitted on 31 Jan, 2019 at 15:00 PM
बिलकिस और देवकी पड़ोसी थी और आये दिन उनका किसी न किसी बात वाकयुद्ध होना कोई नई बात नही थी
Submitted on 31 Jan, 2019 at 14:57 PM
बच्चे तुमने ये कहावत तो सुनी होगी घोड़ा घास से यारी करेगा तो खायेगा क्या।" "चलो फटाफट बिल दो और पैसे लो।"
Submitted on 31 Jan, 2019 at 14:55 PM
दादी के आँखो की चमक, चेहरे की दमक देखते ही बनती थी।
Submitted on 31 Jan, 2019 at 04:31 AM
जुल्म करने वाले से ज्यादा जुल्म सहने वाला गुनहगार होता है।
Submitted on 31 Jan, 2019 at 04:29 AM
कौन सा सपना था, पर था अजीब सा, याद भी तो नही आ रहा, और ये कुत्ते चुप क्यो नही होते।
Submitted on 31 Jan, 2019 at 04:26 AM