रेशमा का ब्याह
रेशमा का ब्याह
उत्तर प्रदेश के रतनपुर गाँव की कहानी है । गाँव में जमीन बहुत ही उपजाऊ थी , चारों तरफ की हरियाली और लहलहाती फसलें सभी के मन को बहुत लुभाती। गाँव के जाने-माने जमींदार प्रकाशदत्त की सबसे छोटी बिटिया की आज शादी है। रेशमा गांँव में रहती है, लेकिन पढ़ाई में खूब होशियार और देखने में बहुत खूबसूरत है। एक बार में ही पास के गाँव में रिश्ता तय हो गया। रेशमा चूल्हे पर रोटी बनाना, खेतों में काम करने में भी निपुण है।
आज धूमधाम से रेशमा का ब्याह है। सभी खूब खुश हैं। आज तो रेशमा की प्यारी गैया भी रंभा रंभा कर जैसे गायन कर रही हो...
रेशमा ही तो रोज़ हरी हरी घास खिलाती थी.......
