वीशू का पेट दर्द
वीशू का पेट दर्द
वीशू का पेट दर्द (लघुकथा)
वीशू करीब अभी दो वर्ष का बच्चा था। सुबह उठते ही है बस उसे अपनी माँ चाहिए । वीशू सुबह-सुबह उठा और अपनी माँ के ढूँढते हुए सीधा रसोईघर में पहुँचा। सुमन ने वीशू को गोद में उठाकर सिलैप पर बैठा दिया।
अचानक से वीशू बुरी तरह से रोने लगा। सुमन को समझ नहीं आ रहा था अचानक से क्या हुआ वीशू को....
चलो बाबू तुझे पिलाती हूँ - माँ ने कहा।
लेकिन वीशू तो रोए जा रहा था।
तभी वीशू के दादाजी आए और बोले - ये वीशू इतनी तेज़ - तेज़ क्यों रहा है। बहुत देर वीशू के रोने की आवाज़ सुन रहा हूँ। जल्दी डॉक्टर को बुलाओ। वीशू ने रो- रो कर आसमान सर पर उठा लिया था। दादाजी ने वीशू को गोद में लिया। सुमन ने हाथ से पेट दबाया, वीशू और तेज़ रोने लगा।
सुमन ने जल्दी देशी घी हींग वीशू के पेट पर मला। वीशू को आराम आ गया और थोड़ी देर में ही वीशू सो गया। आज सुमन ने माँ के बताए हुए नुस्खे का प्रयोग किया।