" पता है माँ, मेरी नानी कहती हैं कि कुछ लोग उपजाऊ मिट्टी के जैसे होते हैं। " पता है माँ, मेरी नानी कहती हैं कि कुछ लोग उपजाऊ मिट्टी के जैसे होते हैं।
आज तो रेशमा की प्यारी गैया भी रंभा रंभा कर जैसे गायन कर रही हो... आज तो रेशमा की प्यारी गैया भी रंभा रंभा कर जैसे गायन कर रही हो...
मैं तुमपर कैसे भरोसा करूं। प्रेम की बातें तो सभी कर जाते हैं। मैं तुमपर कैसे भरोसा करूं। प्रेम की बातें तो सभी कर जाते हैं।