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Vimla Jain

Abstract Classics Crime

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Vimla Jain

Abstract Classics Crime

राजा बेटा

राजा बेटा

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सुरेश कुमार और सीमा के यहां पुत्र जन्म की प्राप्ति हुई।

चारों तरफ हर्षोल्लास छा गया।

सीमा तो अपने आप को बहुत ही भाग्यशाली मान रही थी, ईश्वर ने उसको राजा बेटा दे दिया।

इस राजा बेटा के आने के बाद वह उसके पालन में इतनी तल्लीन हो गई की भूल गई कि मेरे दो बेटियां भी हैं जो भी मां के प्यार को तरसती हैं।

जब भी वह लोग अपने भाई को देखने आती प्यार करती तो वह उनको बहुत लड़ती और उन पर बरस पड़ती।

दोनों बहने बहुत दुखी होती और एक दूसरे को सांत्वना देती।

उनको लगता मां का व्यवहार दिन पर दिन उनके प्रति बिगड़ता जा रहा है ,और वह पूरी भैया भाई मय हो गई है।

उन्होंने दादी और पिताजी से भी इस बारे में बात करने की कोशिश करी मगर सबको बेटियों की पड़ी ही नहीं थी।

समय आने पर उन लोगों को सरकारी स्कूल में दाखिला दिला दिया गया।

दोनों ने अपना ध्यान पढ़ाई में लगाना चालू कर दिया।

समय बीता गया दोनों पढ़ाई में बहुत अच्छी थी एक दूसरे का ध्यान रखती थी। 

और स्कॉलरशिप लेकर के कालांतर में एक इंजीनियरिंग में गई और अच्छी इंजीनियर बन गई।

और उसने अपनी जॉब ज्वाइन करी।

उन लोगों ने अपने मां बाप को ज्यादा कहना सुनना सब बंद कर दिया था। अपनी जिंदगी अपनी तरह जीने लगे मेहनत और स्कॉलरशिप के कारण उन्हें अपनी जिंदगी को व्यवस्थित करने में कोई तकलीफ नहीं पड़ी मगर उनके मां बाप ने उनकी हालचाल पूछने की बंद कर दिए थे।

वे लोग दूसरे शहर में जाकर आप मेहनत से इंजीनियरिंग,और मेडिकल करके अपने आप को सेटल कर लिया।

और मां-बाप को इस बारे में कुछ नहीं बताया।

मां-बाप को तो बेटे के सिवाय कुछ सुझता ही नहीं था।

दिन भर राजा बेटा, राजा बेटा को बड़े अच्छे स्कूल में सबसे महंगे स्कूल में दाखिला दिलाया गया।

पढ़ने में अच्छा था आगे पढ़ने के लिए मां बाप ने अपनी जमीन जायदाद बेचकर उसको विदेश भेजा।

वह भी काफी अच्छा डॉक्टर हो गया। 

कहानी अब शुरू होती है बेटा सोचता मेरे को पढ़ाना मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है।

और ना तो वह मां-बाप का ध्यान रखता ना वह उनकी इज्जत करता।

बस एक सप्ताह में फोन कर देता और मां-बाप के प्रति कर्तव्य पूरा हुआ।

एक दिन पिता काफी बीमार हो गए।

बेटा उसी बीमारी का स्पेशलिस्ट था। उन्होंने बेटे को बोला तू यहां आ जा थोड़े दिन मुझे संभाल ले।

और मुझे साथ लेकर जा।

अब हम अकेले नहीं रह सकते हम तेरे साथ रहना चाहते हैं।

तु हमारी देखभाल करना हम तेरी देखभाल करेंगे।

हम को साथ लेकर जा।

बेटे को यह बात पसंद नहीं आई। उसने फोन पर उनसे काफी लड़ाई करी।

मगर फिर उसको लगा कि मैं नहीं गया तो मेरे पापा आप मेरे हिस्से का सारा पैसा किसी को भी दे देंगे। 

इसीलिए वह इंडिया आता है। पर उनकी हालत देखकर चक्कर खा जाता है।

कि यह तो काफी बीमार है।

 वह अंदर डॉक्टर से बात कर रहा होता है कि इस बीमारी के साथ जीने से क्या फायदा।

इनको इंजेक्शन देकर सुला दिया जाए चिर निंद्रा में।

डॉक्टर बोलता है यह भारत है यहां ऐसा नहीं होता है।

यहां जब तक इंसान जिंदा है उसकी सांसे चलती है उस में सांस है तब तक हम इंसान को जिंदा रखते हैं। और जीवन की आस रखते हैं।

और आपने सोच भी कैसे लिया कि आपकी यह बात मैं मान लूंगा।

राजा बेटा पर पैसे का भूत सवार होता है वह उसको पैसे ऑफर करने लगता है।

तब वह डॉक्टर बोलता है तुम जानते हो मैं कौन हूं।

राजा बेटा बोलता है नहीं आप एक डॉक्टर हैं।

वह बोलता है मैं तुम्हारा जीजा हूं तुमको याद है कि तुम्हारी एक बड़ी दीदी भी थी।

तुम्हारी दो बहने भी थी जिनको तुम्हारे मां बाप ने कभी पलटकर नहीं देखा तुम्हारे कारण।

मैं तुम्हारी बड़ी दीदी का पति हूं वह भी डॉक्टर है इसी हॉस्पिटल में और मैं भी।

हमने तुम्हारे पिताजी को देखा था। तभी समझ गए थे कि यह मेरे ससुर जी हैं।

और तुम जरूर आओगे तुमको इतने साल बाद देख कर खुशी हुई थी कि तुम एक काबिल डॉक्टर बन गए।मगर तुम तो एक कसाई बन गए हो। जिसको इंसान की कीमत ही नहीं। अपने पिता की कीमत नहीं करने वाला इंसान किस की कीमत करेगा। 

अंदर टेबल पर लेटे लेटे सुरेश कुमार सब बातें सुन रहे थे।

और बहुत पछता रहे थे।

और अपने दामाद को देखकर खुश भी हो रहे थे।

और उनकी आंखों से बहुत आंसू बह रहे थे। मगर उठकर बाहर नहीं आ सकते थे क्योंकि काफी अशक्त थे। 

उनको बेटे के आने से आस बंधी थी कि वह ठीक हो जाएंगे।

मगर उसकी बात सुनकर के तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई।

फिर उन्होंने आवाज करके बेटे और दामाद को अपने पास बुलाया। दामाद को बहुत प्यार किया और बहुत आशीर्वाद दिया।

और बेटे को बहुत डांट लगाई बोले मुझे पता नहीं था राजा बेटा मेरा कसाई बेटा निकलेगा।

जिसके कारण मैंने मेरी दोनों बेटियों की तरफ कभी ध्यान नहीं दिया।

वह मुझे नींद में सुलाने की बात कर रहा है लानत है तुझ पर।

और तभी उनकी बड़ी बेटी भी अंदर दाखिल होती है।

वह भाई को देख कर खुश होती है मगर सब बात सुनकर इतनी दुखी हो जाती है।

उसको बहुत डांट लगाती है और बोलती तुम यहां से जाओ

नहीं तो मैं तुम्हारे ऊपर पुलिस केस कर दूंगी कि मेरे पिताजी को जिस डॉक्टर ने मारने के लिए रिश्वत देने की कोशिश करीहै वह तुम हो।

पिताजी जब तक हम दोनों बहने हैं अब तक आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है।

अब आप अकेले नहीं रहेंगे।

आपने हमको नहीं संभाला तो क्या हो गया आप हमारे पिता तो है ना आप के कारण हम इस दुनिया में आए हैं।

आप हमारे साथ रहेंगे हम आपका इलाज करेंगे और आप को ठीक करेंगे।इतने में उसकी छोटी बहन भी आ जाती है अपने पति के साथ में। अपने पिताजी से मिलकर बहुत खुश होती है।

पिता को बहुत पश्चाताप होता है। बेटियों का प्यार नहीं दिया।

उसकी पत्नी जी बहुत दुखी होती है। और बेटियों को बहुत प्यार से गले लगाती है।

और बेटे को गुस्से और नफरत से देखती है

और बोलती है तुमको इसीलिए हमने डॉ बनाया था अपना सब कुछ बेच कर तुमको विदेश भेजा।

बेटियों की तरफ कभी ध्यान नहीं दिया है।कहां है ,जी रही है,

मर रही है। क्या कर रही है।

सारी आशा इस राजा बेटा पर लगा दी।

और मेरा राजा बेटा कसाई बेटा निकला।

और मेरी दोनों बेटियां जो हीराथी आज भी हीरे की चमक लिए हुए हैं। इसलिए मैं कहती हूं।

हमेशा बेटियों और बेटों को बराबर रखना चाहिए और उनकी सही परवरिश करनी चाहिए।

बेटियां बेटों से कम नहीं होती और उनसे भी ज्यादा होती है।

आज मेरा बेटा अपने पिता को मारने लगा चला है।

और मेरा दामाद और बेटी उन्हें बचाने।

तू इसी समय निकल जा घर से और हमारे दिल से।

आज से हमारे भी कोई बेटा नहीं है। खाली दो बेटियां हैं और यह दामाद हमारे दो बेटे हैं।

तू भी भूल जाना कि भारत में तेरे मां-बाप भी हैं जिन्होंने राजा बेटा करके पाला है और तुझे अपनी दुनिया बना लिया बेटियों को भूल गए और तूने कसाई बेटा बन करके उनको उनके पालन का लाभ चुकाया है शुक्रिया बेटा।

अब तू जा यहां से नहीं तो मेरा गुस्सा फूट जाएगा।

जब राजा बेटा देखता है या कोई चारा नहीं है तो वह वहां से निकल जाता है। मां-बाप अपनी बेटियों से पश्चाताप भरे स्वर में माफी मांगतेहै और व

बेटियों ने उन्हें माफ कर दिया।

क्योंकि वे बेटियां हैं बहुत संवेदनाएं हैं।

और बड़ी बेटी बेटी दामाद बड़े मनोयोग से उनका इलाज करके उसको ठीक करने में लग जाते हैं।


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