असफलता से सफलता की ओर पुरुषार्थ का जोर
असफलता से सफलता की ओर पुरुषार्थ का जोर
बहारें फिर भी आएंगी जरूरी नहीं है। कि एक बार अगर चमन उजड़ जाए तो उसमें वापस बहार नहीं आती ,वापस फूल नहीं खिलते ।
इसी तरह से एक बार कोई इंसान अगर बिजनेस में अपने कार्य क्षेत्र में असफल हो जाए तो और हिम्मत ना हारे और दिमाग और दिल दोनों से अच्छी तरह से काम ले, मेहनत करें तो वह वापस अपनी जिंदगी में बहार लाने में सफल हो जाता है
अपनी सफलता की ओर वापस जाता है और सफल हो जाता है
आज मैं आपको जो कहानी बताने जा रही हूं वह एकदम सच्ची है।
वह 22 साल का लड़का सूरत में डायमंड का काम सीखने के लिए आया। घर की परिस्थिति बहुत खराब थी ।
मगर फिर भी उसके अंदर कुछ अच्छा कर दिखाने का जज्बा था। कुछ अच्छा कर जाने का जुनून था।
उसने सूरत में डायमंड का काम सीखा 3 साल।
उसके बाद में उसने अपना काम चालू करा काम अच्छा चलने लग गया।
उसके बाद में 25 ,26 साल में उसकी शादी हो गई उसके मिसेज एमएससी B.Ed थी। उसने भी सूरत में आकर के अपने ट्यूशन क्लासेस खोल दी।
सब कुछ ठीक चल रहा था। दो बच्चे थे ।सब ठीक चलते चलते एकदम से हीरा बाजार में और ज्वेलरी बिजनेस में बहुत मंदी आ गई।
इस कारण से उसका बिजनेस एकदम ठप्प हो गया ।
अब इन लोगों ने सोचा क्या करें बिजनेस एकदम ठप्प होने से घर का कामकाज भी खाली ट्यूशन पर चलने लगा था।
तो वह लोग वापस अपने शहर चले गए।
वहां जाकर देखा तो उनके मकान पर किसी रिश्तेदार ने कब्जा कर रखा था।
जिससे उसने कभी ₹100000 उधार लिया होगा। उस रिश्तेदार ने सोचा कि यह तो वापस कभी चुका ही नहीं पाएगा, तो यह घर मेरा हो जाएगा।
मगर उस भाई ने और इसकी मिसेज दोनों ने विचार किया यह हमारे पुरखों की निशानी है ।
इस मकान को हम नहीं जाने देंगे। हम इसमें रहेंगे ।
मकान काफी बड़ा था। फिर सोचा क्या करें ₹100000 इनका नहीं देंगे तो यह हमको रहने नहीं देंगे। तो उन्होंने मकान के आगे के तीन मंजिल तक आगे के हिस्से को रहने दिया और पीछे का मकान बेच दिया ।
उसका जो पैसा आया उससे ₹100000 तो उनका चुकाया। थोड़ा माल खरीदा।
और वहीं पर किसी के यहां नौकरी करने लगे ।
उसकी मिसेज भी जॉब करने लगी बच्चों को स्कूल में एडमिशन करवा दिया ।
एक दो साल में में डायमंड बिजनेस में वापस तेजी आई।
तो उन लोगों ने बहुत सोच विचार करके दिल्ली का रुख किया। गुडविल अच्छी थी तो थोड़ा माल भी उधार मिल गया ।
उसके बाद में वहां पर बहुत मेहनत करके अपना बिजनेस जमाया। और उसकी मिसेज ने वापस अपने ट्यूशंस चालू किए और भी एक-दो काम किएऔर वह लोग वापस establish हो गए।
धीरे धीरे और उनकी मेहनत से सब काम चल निकले ।
उनके जैसी 12thको पढ़ाने वाली ट्वेल्थ क्लास को पढ़ाने वाली ट्यूशन टीचर से बहुत कम है। उसकी क्लासेज भी चल निकली ।और इसका बिजनेस भी चल निकला।
अभी तो बिजनेस बहुत अच्छा हो गया है ।
उसका अपना घर बंगला ,गाड़ीहै।
और बच्चों को भी बहुत अच्छा पढ़ाया है ।
एक बच्चे को तो पढ़ने इंजीनियरिंग के बाद हायर स्टडीज के लिए एमएस करने अमेरिका भेजा था ।।
उसकी पढ़ाई पूरी हो कर जॉब भी लग गई है।।
बेटी ने भीबहुत अच्छी पढ़ाई करी है ।और पूरा घर बहुत अच्छी तरह से सेटल हो गया है और जो बहारें कहीं खो गई थी वे वापस लौट आई है। अपनी मेहनत से उन्होंने असफलता को सफलता में बदल दिया
सब कुछ उनकी पॉजिटिविटी मेहनत हिम्मत नहीं हारने का नतीजा है।
कहते ना हिम्मत ए मदद
मदद ए खुदा,
मेहनत करने वाले की हार नहीं होती। पुरुषार्थ करने वाला कभी भी हारता नहीं है
स्वरचित सत्य कहानी
