पत्नी की पोस्ट
पत्नी की पोस्ट


एक नयी नौकरी मिली है। पत्नी की पोस्ट है। तनख्वाह नहीं मिलेगी हर महीने और ना ही किसी रविवार या त्यौहार की छुट्टी मिलेगी।
पर उम्रभर के लिए एक घर मिलेगा रहने को, साथ में समय-समय पर साड़ी और रोज़ भरपेट खाना मिलेगा। बीमारी के समय दवा-पानी भी मिलेगी, हाँ! पर कोई ख्याल रखने वाला नहीं होगा।
दिन भर घर के काम करने होंगे मुस्कुराकर और रात को बिस्तर सजाना होगा।
कभी ना थकने वाली औरत का किरदार निभाना होगा। अगर बन ठन कर रहना सीख गयी और अच्छे से मुस्कुराना आ गया, तो मुझे शादी, तीज-त्योहारों में भी ले जाया जायगा।
गृहकार्य में सफल रही तो मेरा प्रमोशन हो जायेगा।पत्नी से माँ बनने का अवसर मिल जायेगा।
हाँ थोड़ी जिम्मेदारियां बढ़ जाएंगी, पर साहब यानि कि पति, कहते हैं कि जिम्मेदारियों के साथ-साथ समाज में तुम्हारा रुतबा भी तो बढ़ जायेगा।
हाँ एक बात और कही है साहब ने," काम के लिए हाथों का इस्तेमाल करना और अपना दिमाग, अपने विचार अपने तक ही सीमित रखना"। जब तक मन-मुताबिक काम करोगी,तब तक तुम इस घर में सुरक्षित रहोगी, जो लांघने की कोशिश की तुमने मर्यादा अपनी, तुम यह घर और नौकरी दोनों खो दोगी।
बड़ी मुश्किल है यह नौकरी, कैसे कर पाऊँगी ?
कैसे अपने आज़ाद मन को उड़ने से रोक पाऊँगी ?
माँ ने कहा " औरत है तू, तेरे लिए कुछ भी नामुमकिन नहीं है। जब मैंने कर ली यह नौकरी आसानी से, तो तू भी कर जायगी"।