Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win
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Sonia Jadhav

Romance

4.6  

Sonia Jadhav

Romance

पहला प्यार

पहला प्यार

3 mins
492


कभी-कभी आप जब प्यार में होते हैं तो आपको एहसास भी नहीं होता कि वो प्यार है और जब वक़्त निकल जाता है तो लगता है कहीँ कुछ छूट सा गया है, कहीँ कुछ कमी सी है। 

अनु मेरी सबसे अच्छी और पक्की दोस्त है, मैं उसे अपनी हर बात बताता हूँ, लड़कों वाली भी। अनु को भी खाना हज़म नहीं होता, जब तक वो मुझे रात को फोन करके अपने दिन का सारा हाल ना बताये।

ऐसी ही है हमारी दोस्ती। ऐसे ही एक दिन मैंने अनु से पूछा, अनु जब तेरी शादी हो जायेगी, तब भी तू मुझे रोज़ फोन करेगी, मुझसे मिलने आयेगी ना ?

पागल है विहान, तब मैं अपने पति पर ध्यान दूंगी या तुझ पर। मैं कोई फोन वोन नहीं करने वाली। पता है !मेरे घर पर मेरी शादी की बात चल रही है, कल मुझे एक लड़का देखने आने वाला है। पापा कह रहे थे सॉफ्टवेयर इंजीनियर है किसी मल्टीनेशनल कंपनी में। ये देख फोटो उसकी। स्मार्ट है ना?

इतनी भी मत फैंक कुछ ख़ास नहीं है देखने में।

लड़का तो हैंडसम था मुझसे कहीँ ज्यादा पर ना जाने क्यों मुझे अच्छा नहीं लगा।

अगले दिन शाम चार बजे, अनु फ़ोन पर खुशी से चिल्ला रही थी। विहान-विहान मेरी शादी पक्की हो गयी है वो भी अगले महीने और फिर मैं और नमन अमेरिका चले जायेंगे 6 महीनों के लिए, उसकी कंपनी का प्रोजेक्ट है वहाँ।

तू पागल है क्या? एक मुलाकात में शादी का फैसला कैसे ले सकती है? 

नमन देखने में इतना हैंडसम है, अच्छी जॉब है और फिर अमेरिका। मुझे तो लड़का पसंद है।

चल रखती हूं, नमन का फोन आ रहा है और उसने फोन काट दिया।

मुझे कुछ अच्छा नहीं लग रहा था। अनु चली जायेगी तो मैं बात किससे करूँगा। वो मेरे बचपन की दोस्त है। मुझे नहीं मालूम प्यार क्या होता है। बस उसका नमन का नाम लेना खल रहा था।

अनु का पाँच दिन से फोन नहीं आया, मैंने भी नहीं किया। यह सोचकर कि मुझे क्या?

लेकिन मैं मन ही मन परेशान था, रात भर उसके फ़ोन का इंतज़ार करता और यह सोचकर गुस्सा आता कि उसके साथ घूम रही होगी, फोन पर बात कर रही होगी। पागल अनु.....

तभी मेरा फोन बजा, विहान बहुत ख़राब है तू, फोन क्यों नहीं किया इतने दिन से? मैं नहीं करुँगी तो तू भी नहीं करेगा, यही तेरी दोस्ती है। बेवक़ूफ़ कहीँ का।

मैं फोन करके कबाब में हड्डी नहीं बनना चाहता था। इसलिए नहीं किया।

विहान तुझे बहुत मिस किया। नमन अच्छा है एकदम परफेक्ट और मैं ठहरी इम्पेरफेक्ट। तू जानता है ना मैं कितनी झल्ली हूँ।

मैंने भी तुझे मिस किया बहुत, यार अनु मत कर ना शादी। तेरे बिना कैसे रहूँगा।

विहान शादी तो करनी पड़ती है एक दिन सबको। क्या कहकर मना करूँ?

तू करेगा मुझसे शादी बोल?

मैं एकदम चुप हो गया, नहीं समझ पाया क्या जवाब दूँ और अनु हँसने लगी।

मैं मजाक कर रही थी और फोन काट दिया।

अनु शादी के लहंगे में बहुत सुंदर लग रही थी। मैं कमरे में जब उससे मिलने गया तो वो एकदम से मेरे गले लग गई और रोने लगी।

अब हक़ से ना फोन कर पाऊँगी ना तुझसे घंटो बातें कर पाऊँगी। मैं जा रही हूँ विहान।

उस एक पल में मैं समझ गया कि अनु ही प्यार का पहला नाम थी मेरे लिए और शायद आखिरी भी। पहली बार लगा कि मुझसे मेरा कुछ छूट रहा है, कुछ खाली खाली सा लगने लगा भीतर।

अनु एक सेकंड रुको.....

मैंने उसे गले से लगाया, तुम्हें मिस करूँगा। मुझे माफ़ कर दो। हम दोनों गले मिलकर रोने लगे। मैंने उसे आई लव यू नहीं कहा पर वो समझ गई।

मैंने उसके आंसू पोछे अपने रुमाल से, उसे चूमने के लिए कहा रुमाल को।

अनु तुम्हारे आंसू, होठों के निशान मुझे हमारे पहले मासूम प्यार की याद दिलाएंगे। यह रुमाल अब हमेशा मेरे पास रहेगा।

अब जाओ तुम, कभी भी कोई परेशानी हो तो पहला फोन मुझे करना। अपना ध्यान रखना।

मैं रुका नहीं शादी में, कैसे रुकता। घर चला आया अपने अधूरे प्यार की, अपनी दोस्ती की यादों को लेकर और वो चली गयी हमेशा के लिए।


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