वह चाहती थी कि उसका एकाकीपन खत्म हो और वो वापस आ जाए ! वह चाहती थी कि उसका एकाकीपन खत्म हो और वो वापस आ जाए !
शायद आज़ादी की ओर शायद आज़ादी की ओर
आजकल की लड़कियां क्या जाने ,संस्कार और घर के रीति रिवाज और भी न जाने क्या कुछ... आजकल की लड़कियां क्या जाने ,संस्कार और घर के रीति रिवाज और भी न जाने क्या कुछ...
संदली के लिए गाँव में बहुत अच्छा रिश्ता आया है। संदली के लिए गाँव में बहुत अच्छा रिश्ता आया है।
तुम भूल रही हो एक बात, यह चारदीवारी में हम औरतें महफ़ूज भी तो रहती है तुम भूल रही हो एक बात, यह चारदीवारी में हम औरतें महफ़ूज भी तो रहती है
आज़ादी हर किसी को प्यारी होती है आज़ादी हर किसी को प्यारी होती है