और तुम्हारी कहानी का वो गुम तन्हा किरदार,.. मैं हूं और तुम्हारी कहानी का वो गुम तन्हा किरदार,.. मैं हूं
पूरे घर में चारों तरफ उदासी का ही रंग छाया रहा पूरे घर में चारों तरफ उदासी का ही रंग छाया रहा
वह चाहती थी कि उसका एकाकीपन खत्म हो और वो वापस आ जाए ! वह चाहती थी कि उसका एकाकीपन खत्म हो और वो वापस आ जाए !
पर कभी ये ना सोचा कि अगर मुझे कुछ हो गया तो तुम कहाँ जाओगी। पर कभी ये ना सोचा कि अगर मुझे कुछ हो गया तो तुम कहाँ जाओगी।
कभी -कभी बहुत देर हो जाती है ये समझते कि जिन गलियों से मुँह मोड़ के चले जा रहने हैं हम ,ज़िन्दगी वहीं ... कभी -कभी बहुत देर हो जाती है ये समझते कि जिन गलियों से मुँह मोड़ के चले जा रहने ह...
अधूरी है तो कम से कम ये जारी तो रहेगी हर दिन। अधूरी है तो कम से कम ये जारी तो रहेगी हर दिन।