और तुम्हारी कहानी का वो गुम तन्हा किरदार,.. मैं हूं और तुम्हारी कहानी का वो गुम तन्हा किरदार,.. मैं हूं
अपना काम अगर पड़ता है तो आपके कदमों में बिछ बिछ जायेंगे। अपना काम अगर पड़ता है तो आपके कदमों में बिछ बिछ जायेंगे।
शायद ना, क्या में भी कोशिश कर रणजीत सर बन सकता हूँ ? शायद ना, क्या में भी कोशिश कर रणजीत सर बन सकता हूँ ?
सम्पूर्ण सृष्टि का आधार स्त्री है, पुरुष तो मात्र एक अहंकार है। सम्पूर्ण सृष्टि का आधार स्त्री है, पुरुष तो मात्र एक अहंकार है।
इसने भी तो उस ज़ख्म को ज़िंदगीभर भरने नहीं दिया था........ इसने भी तो उस ज़ख्म को ज़िंदगीभर भरने नहीं दिया था........
को कहा और कबीर अपनी अम्मा के साथ सर झुका कर दरवाज़े से बाहर निकल गया। को कहा और कबीर अपनी अम्मा के साथ सर झुका कर दरवाज़े से बाहर निकल गया।