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Diwa Shanker Saraswat

Romance Inspirational Thriller

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Diwa Shanker Saraswat

Romance Inspirational Thriller

फूलों की वादियाँ

फूलों की वादियाँ

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जीवन के पचपन बसंत देख चुकी सुषमा ने अपने जीवन के सारे सुख भोग लिये थे। राकेश के रूप में बङे अच्छे पति, एक बेटा और एक बेटी का सीमित परिवार, दोनों बच्चे पढे लिखे, लङकी की शादी हो चुकी, और अब बेटी की कमी बहू ने पूरी कर दी, फिर कौन कह सकता है कि सुषमा के जीवन में कुछ भी दुख है।

  बेटा रजत और बहू रागिनी घूम कर आये । रागिनी बार बार फूलों की वादियों का जिक्र कर रही थी।

" मम्मी जी। बड़ी हसीन जगह है। एक बार देखो तो देखते ही रह जाओंगे। लगता है कि सचमुच जन्नत में आ गये हैं।"

  आज सुषमा थोड़ा व्यथित थी। कुछ मन में छिपा था। भीतर ही भीतर...। बाहर नहीं निकाल सकती।

  राकेश ने सुषमा के कंधे पर हाथ रखा।

  " लगता है कि आज फिर मोहन की याद आ गयी। "

 " सचमुच... ।उन हसीन वादियों में हम कितना घूमे। पर मोहन था सिपाही देश का। देश के लिये सब छोड़ सकता। मैं उसके आने का इंतजार कर रही थी। पर वह नहीं आया। आयी तो उसकी शहादत की खबर।"

  सुषमा ने राकेश के कंधे पर सर रख दिया। राकेश जो मोहन का पक्का दोस्त था, वह जिसने मोहन के बाद भी सुषमा को सहारा दिया, उसे पत्नी का दर्जा दिया। पर वह कभी भी उसे फूलों की वादियों में घुमाने नहीं ले गया। शायद सुषमा भी यही चाहती थी। पर आज अचानक उसकी यादों में वही फूलों की वादियाँ आ गयीं, जिन्हें वह भूलती आ रही थी।


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