पुनर्मिलन भाग ३६
पुनर्मिलन भाग ३६
सभी लेखक बंधुओं और लेखिका बहनों का अभिनंदन।
आप लोगों को पता ही होगा कि स्टोरी मिरर ने मुझे एडिटर चोइस में आथर ओफ द ईयर चुना है। यह मेरे लिये बड़े सम्मान की बात है। उसके बाद भी मैं इस सम्मान को वापस कर रहा हूं तथा इसकी सूचना भी मैंने ईमेल द्वारा स्टोरी मिरर के एडमिन महोदय को दे दी है।
इस अप्रत्याशित आचरण का कारण स्टोरी मिरर की टीम द्वारा मेरी लगातार अवहेलना है। क्योंकि आप सभी को ज्ञात ही होगा कि स्टोरी मिरर द्वारा गुणवत्तापूर्ण पुस्तकों का निःशुल्क प्रकाशन तथा शेष पुस्तकों का शुल्क लेकर प्रकाशन किया जाता रहा है। वैसे स्टोरी मिरर द्वारा लेखकों से जो शुल्क लिया जाता है, वह वास्तविक खर्च से लगभग पांच से छह गुना होता है। किसी भी पुस्तक को प्रकाशित करने में, जबकि लेखक खुद टाइप कर पांडुलिपि वर्ड में दे रहा है, प्रकाशन का कुल खर्च अधिकतम चार हजार रुपये ही होता है। जबकि स्टोरी मिरर द्वारा पच्चीस से तीस हजार रुपये तक बसूला जाता है।
इस बात से हमें बहुत अधिक फर्क नहीं पड़ता। जिनका लेखन गुणवत्तापूर्ण न हो, वे खूब पैसे खर्च कर अपनी पुस्तकें प्रकाशित करायें। पर जिन लेखकों का लेखन गुणवत्तापूर्ण है, वे भला क्यों प्रकाशक के कुल खर्च का पांच से छह गुना तक खर्च करें।
बताना चाहता हूँ कि आथर ओफ ईयर एडिटर चोइस चुने जाने के बाद भी मेरी उच्च गुणवत्तापूर्ण रचनाओं के निःशुल्क प्रकाशन करने से मना किया गया है। इस विषय में मैंने स्टोरी मिरर के एडमिन महोदय को लगातार तीन दिन ईमेल किया। तथा उन्होंने मुझे ईमेल का उत्तर भी नहीं दिया । ऐसी स्थिति में आथर ओफ ईयर का पुरस्कार स्वीकार कर पाना मेरे लिये संभव नहीं है। मैंने इस पुरस्कार का परित्याग कर दिया है। तथा स्टोरी मिरर पर प्रकाशित अपनी सारी रचनाओं का कंटेट डिलीट कर दिया है (क्योंकि इस एप पर रचनाएं डिलीट करने का आप्शन नहीं है)। एक पुस्तक मुफ्त दी जायेगी, जैसे पुरस्कार किसी भी आथर ओफ ईयर के सापेक्ष नगण्य हैं। यदि आप आथर ओफ ईयर लेखक (जिसके लेखन को आपकी जूरी ने ही गुणवत्तापूर्ण स्वीकार किया है) की एक पुस्तक भी निःशुल्क प्रकाशित नहीं कर सकते तथा अपने कुल खर्च से कई गुना मांगने के बाद भी उसपर ४० प्रतिशत डिस्काउंट देने का झूठा अहसान दिखा रहे हैं, तो आपके ऐसे छद्म पुरस्कार की मुझे कोई आवश्यकता नहीं है।
दिवा शंकर सारस्वत 'प्रशांत'