अस्वीकार
अस्वीकार
"बधाई हो। आप आथर ओफ द ईयर चुने गये।"
नयन के मोवाइल पर एक परिचित लेखक का व्हाट्सअप संदेश आया तो नयन को सहसा विश्वास नहीं हुआ। आथर ओफ ईयर की प्रतियोगिता में उसे बहुत ज्यादा वोट भी तो नहीं मिले थे।
कम वोटों के बाबजूद नयन ओथर ओफ ईयर बना क्योंकि पूरे वर्ष उसने बहुत अच्छा और गुणवत्तापूर्ण लिखा था। ऐसा जो कि संपादकों के दिल को छू गया था। वैसे भी मुख्य विजेता वही होता है जिसके कंटेंट को गुणवत्तापूर्ण मान एडिटर चोइस में पुरस्कृत किया जाये।
नयन की छाती गर्व से चोडी़ हो गयी।
मित्रों को जब नयन ने कहा - " भले ही आप लोग मुझे खास लेखक न मानो, पर ऐसा बिल्कुल नहीं है। इतने बड़े मंच का आथर ओफ ईयर हूँ मैं। आथर ओफ ईयर समझते हों ना। मेरा लेखन मंच पर सर्वश्रेष्ठ लेखन में से एक माना गया है।" उस समय नयन के मन में कुछ गर्व भी था।
नयन अच्छी तरह जानता था कि किसी भी पुस्तक को प्रकाशित करने में किसी भी प्रकाशन का अधिकतम खर्च तीन से चार हजार रुपये होता है। फिर प्रकाशक गुणवत्तापूर्ण रचनाओं को निःशुल्क ही प्रकाशित करते हैं। नयन निश्चिंत था कि उसकी कम से कम एक पुस्तक मंच के प्रकाशन विभाग से प्रकाशित हो जायेगी।
पर ऐसा हुआ कब। मंच के परिणाम में नयन आज भी आथर ओफ ईयर दर्शाया जा रहा है। जबकि चालीस प्रतिशत के डिस्काउंट का अहसान जताते हुए, प्रकाशक के कुल खर्च का चार गुने से भी अधिक मूल्य मांगने के विरोध में नयन ने आथर ओफ ईयर का पुरस्कार ही अस्वीकार कर दिया है और अपने प्रोफाइल पर भी इसकी सूचना देने के साथ साथ अपनी सारी रचनाओं के कंटेट को वह डिलीट कर चुका है।