जीवन यात्रा पर क्षणांश में ही मेरा जीव पुनः एक नारी गर्भ में स्थापित हो जाता है। जीवन यात्रा पर क्षणांश में ही मेरा जीव पुनः एक नारी गर्भ में स्थापित हो जाता है।
अशोक ने सजा कटी और फिर ईमादारी से काम में लग गया । अशोक ने सजा कटी और फिर ईमादारी से काम में लग गया ।
भिखारी बोला, हाँ बस इतना ही किसी ने कुछ नही दिया सबने गालिया दी, पत्थर मारें, इसलिए ये सर फूट गया भिखारी बोला, हाँ बस इतना ही किसी ने कुछ नही दिया सबने गालिया दी, पत्थर मारें, इस...
परन्तु इस वर्ष अपनी बर्थडे का गिफ्ट देख कर हमारे ज्ञान चक्षु भी खुल गए परन्तु इस वर्ष अपनी बर्थडे का गिफ्ट देख कर हमारे ज्ञान चक्षु भी खुल गए
ये लोग अपने जूते तक सोने के कमरे में नही ले जाते , बाथरूम के लिए अलग स्लीपर रखते है ये लोग अपने जूते तक सोने के कमरे में नही ले जाते , बाथरूम के लिए अलग स्लीपर रखते...
जिसके दम पर उसने अपना व्यवसाय वापस खड़ा किया है बल्कि यह तो उसकी निडरता और आत्मविश्वास था जो उसके भीत... जिसके दम पर उसने अपना व्यवसाय वापस खड़ा किया है बल्कि यह तो उसकी निडरता और आत्मवि...