जीवन यात्रा पर क्षणांश में ही मेरा जीव पुनः एक नारी गर्भ में स्थापित हो जाता है। जीवन यात्रा पर क्षणांश में ही मेरा जीव पुनः एक नारी गर्भ में स्थापित हो जाता है।
अब हो निरंतर आगे बढ़ता ही जा चला जा रहा है वर्षा की बूंदें उसके जीवन को बदल दिया। अब हो निरंतर आगे बढ़ता ही जा चला जा रहा है वर्षा की बूंदें उसके जीवन को बदल दिया...
इसी तरह मैं भी आगे बढ़ती रही। इसी तरह मैं भी आगे बढ़ती रही।
यही तो जीवन यात्रा में पेट्रोल है शायद। यही तो जीवन यात्रा में पेट्रोल है शायद।