जीवन यात्रा पर क्षणांश में ही मेरा जीव पुनः एक नारी गर्भ में स्थापित हो जाता है। जीवन यात्रा पर क्षणांश में ही मेरा जीव पुनः एक नारी गर्भ में स्थापित हो जाता है।