Hoshiar Singh Yadav Writer

Romance

4  

Hoshiar Singh Yadav Writer

Romance

पहला प्यार

पहला प्यार

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शर्मीला स्वभाव होने के साथ साथ कालेज का पहला दिन था। डरा सा कांपते हुए अपनी कक्षा में चला जा रहा था। कक्षा में प्रोफेसर आये और अनेकों बातों पर चर्चा की। देखते ही देखते उन्होंने मेरे से प्रतिशत अंक के बारे में जाना तो बड़ी खुशी हुई कि ग्रामीण क्षेत्र का एक विद्यार्थी अच्छे अंकों से पास होकर यहां आया है। उन्होंने कहा कि तुम यहां भी नाम कमाना।

मुझे कुछ तसल्ली हुई और कक्षा में बैठ गया। चूंकि पढऩे में ठीक था एक लड़की जब कक्षा में पढ़ती थी बहुत अच्छे कपड़े पहन कर आती थी देखने से ही बनती थी।

एक दिन जब मैं प्रयोग कर रहा था तो वह लड़की आई और कहा कि तुम देखने में लड़कियों जैसे लगते हो, भोला भाला स्वभाव है और आव देखा न ताव उसने मेरे गालों का एक चुम्मा ले लिया। सारा शरीर कांपने लगा क्योंकि कभी किसी लड़की ने मुझे छुआ तक नहीं था और यह अचानक क्या बला हो गई। घंटों सोचता रहा और समय चलता रहा।

फिर वह लड़की एक दिन विद्यालय छोड़कर जाने लगी और फिर से मेरे पास आई उस समय उन्होंने कहा कि देखिए- मैं जा रही हूं तुम्हें मेरे से कुछ चाहिए तो बता दो, मैं पूरा प्रयास करूंगी। मैं उसकी और देख कर मुस्कुराया और ग्रामीण पृष्ठभूमि अनुसार हाथ जोड़कर उनका आभार जताया। उस लड़की ने तो झटपट मेरा चुम्मा ले लिया और टाटा, बाय-बाय कर चलती बनी । आज तक न तो उस लड़की के बारे में पता चला कि वो क्या कर रही है और नहीं मुझे यह पता चल पाया कि आखिर ऐसा क्यों कर रही थी। परंतु उसने मेरे दिल में जगह बना ली। यही मेरा पहला प्यार का एहसास था। आज तक नहीं भुला पाया हूं। वास्तव में वह दिन खुशनसीब था।


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