मुखौटा
मुखौटा
दिन रात मेहनत करके अनीता ने कुछ पैसे कमाए थे क्योंकि उसकी बेटी की शादी निर्धारित कर दी गई थी है। इन पैसों से बेचारी अनीता अपनी पुत्री के लिए आभूषण खरीदकर लाना चाहती थी। उसने सोचा था कि कल आभूषण खरीदने जाऊंगी। बड़ी ही प्रसन्न अनीता थी उसकी पुत्री रीना को सारे बातें बताई तो वह खुश हुई। रीना अपने पिता के देहांत के बाद से परेशान थी परंतु उसकी मां अनीता यह शादी करने जा रही थी। आसपास के लोगों में चर्चा थी की किस प्रकार बेचारी अनीता ने अपनी बेटी को पालकर बड़ा किया है और उसके लिए जो धनराशि जमा की है वह शादी में लगाएगी। उसके पति के देहांत के बाद कुछ राशि मिली थी वह भी एफडी करके अब निकलवा ली थी। अनीता ने यह सोचकर की पुत्री की शादी करनी है घर पर कोई खर्चा नहीं लगाया, जर्जर हालत में घर था, दरवाजे भी टूटे-फूटे थे। परंतु वह इस दिन का इंतजार कर रही थी कि चलो अब उसकी पुत्री की शादी अच्छे घर में हो जाएगी क्योंकि जिस घर में रीना की शादी होनी थी उन्होंने सिर्फ लड़की ही दहेज में मांगी थी। वो किसी प्रकार का दहेज नहीं लेना चाहते थे। लड़का शिक्षक था और दहेज का विरोधी था। रात को देर तक बातें करते हुए रीना और अनीता के परिवार के सदस्य सो गए और यह कहा कि कल आभूषण खरीदे जाएंगे। रात को जब सभी सोये हुये थे तो एक कर उनके घर में घुस गया। सारा धन उठाकर जब भागने लगा तो रीना की आंखें खुल गई। जोर-जोर से शोर मचाया कि चोर चोर परंतु मुखौटा लगा होने के कारण से पहचाना नहीं जा सका।
अंधेरे का लाभ उठाकर भागने में सफल हुआ। सुबह होने पर और अनीता की आंखों में आंसू थे। पुलिस को सूचित किया पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने चोर की पहचान रानी से पूछी तो रीना ने स्पष्ट किया कि चोर काले रंग का मुखौटा पहने हुए था जिससे उसकी पहचान नहीं हो पाई। उधर अनीता बेचारी
रोते हुए अपनी पुत्री की शादी की सोच रही थी कि अब कैसे रीना को विदा किया जाएगा। सूचना लड़के पक्ष की ओर भी पहुंच गई कि घर में चोरी हो गई। बड़ा ही दयालु प्रवृत्ति का लड़का था उन्होंने फोन के जरिए सूचित किया कि उन्हें सिर्फ रीना चाहिए, धन नहीं। अनीता को खूब आश्वासन मिले किंतु अनीता असहाय नजर आई। पुलिस सूचना पाकर उस दुकान तक पहुंची जहां मुखौटे मिलते थे। मुखौटा बेचने वाले से पूछा कि काले रंग का मुखौटा कौन ले गया था? पहले तो दुकानदार राजू बताने से कतराने लगा लगा किंतु पुलिस के रोब से तीन नाम बताएं इनमें से दो बच्चे थे। पुलिस तीनों लोगों की छानबीन करने पहुंची, उनके परिवार की पृष्ठभूमि जानी तो पता लगा की रमन नाम का युवक काला मुखौटा लेकर गया था जो चोर होने की संभावना अधिक थी। पुलिस ने रमन की पूछताछ की, घर पर नहीं मिला जिसके कारण और भी शक बन गया कि जरूर इसमें कहीं चोरी की होगी। तलाशी अभियान जारी रखा, पुलिस रमन तक पहुंची गई। पुलिस को देखकर रमन आवाज रह गया और कुछ नहीं बोल पाया। पुलिस ने रमन को पुलिस स्टेशन चलने के लिए कहा। पूछे जाने पर पहले तो बताने से इनकार कर दिया किंतु जब डंडे से पूछा तो उसने स्पष्ट कहा कि हां मैंने चोरी की थी। चोरी किये पैसे अधिकांश बरामद कर लिये। कुछ खर्च कर दिए थे। पुलिस पैसे व रमन को लेकर सीधी रीना के पास पहुंची और अनीता से बताया कि तुम्हारा चोर यह है। की कुछ पैसे इंडियन खर्च कर दी बाकी पैसे आपकी यह लो पैसे तो अनीता ने पैसे लेकर कहा कि इसे छोड़ दो हम कोई सजा नहीं दिलवाना चाहते। सब प्रभु देखता है। यदि इसने गलत काम किया है तो सजा भी प्रभु ही देगा।और वह अपने काम में लग गई। जब बारात आई तो बारात का बेहतर स्वागत किया। सारी बारात में चर्चा थी मुखौटे वाला रमन चोर जिसने कई घरों में चोरी की थी, अब पुलिस की हत्थे चढ़ गया है। पुलिस ने रमन को थाने में बंद कर दिया। आज रीना अपनी मां अनीता से अलविदा हो रही थी। अपने पिता को याद कर बहुत रोई किंतु हर लड़की को ससुराल जाना ही होता है।