नई बहू
नई बहू
रामू दिनरात मेहनत करते हुए उच्च शिक्षा पाने के लिए विदेशों तक पहुंचा। माता पिता अति शरीफ, गरीब एवं सज्जन होते हुए भी उन्होंने इतने पैसे खर्च किये कि रामू पढ़ाई के लिए विदेश तक भेजा। डॉक्टरी की पढ़ाई करके घर लौट आए। तभी रामू के अनेक रिश्ते आने लगे। उसके माता-पिता ने एक रिश्ता फाइनल कर दिया। लड़की खुद डॉक्टरी का कोर्स किए हुए थी। माता-पिता रवि और मीनू ने समझा कि यह रिश्ता सबसे बेहतर होगा क्योंकि दोनों ही डॉक्टर की लाइन से संबंध रखते हैं और आखिरकार रिश्ता शादी में बदल गया।
नई बहू घर आई और आते ही उसके नखरे सातवें आसमान पर दिखाई देने लगे। ऊंची आवाज में बातें करती वही अपने माता-पिता का कहना भी नहीं मानती। आते ही नहीं बहू के ऐेसे तेवर देख रामू मीनू और रवि ने समझा कि आप तो बुरे फंस गए, परंतु अब क्या कर सकते थे?
बुजुर्ग मीनू एवं रवि ने एक दिन अपनी बहू से कहा कि
बेटी आज हम बीमार है। थोड़ा सा बेहतर खाना बना देना। फिर क्या था नई बहू जोर से चिल्लाई कि मैं यहां खाना बनाने के लिए नहीं आई। आज तो तुम्हें खाना बनाकर मुझे खिलाना पड़ेगा? बीमार माता-पिता बहू के नखरे देखकर खुद खाना बनाने लगे, तभी यह बात रामू तक पहुंची राम ने उसे बहुत समझाया किंतु स्पष्ट कहा कि यदि तुम अपने माता-पिता की चाहत रखते हो तो जाकर स्वयं खाना बना लो और मेरे लिए बना कर देना। अब तो आस-पास भी चर्चा ही चल पड़ी की नई बहू सचमुच नखरीली है। जोर-जोर से आवाज दूर सुनाई देती। आसपास के लोग खड़े तमाशा देखते कि कितना शरीफ और सज्जन परिवार में आखिर यह बहू कैसी आ गई? हर बात पर ताने मारती कि रामू क्यों नहीं मर जाते, मैं तो ऐसे गरीब घराने में आ गई। उसके माता-पिता कहते कि बेटी तुम इन्हीं के पीछे आई हो, उसके मरने से तुम्हें क्या हासिल होगा। नई बहु जोर से कहती कि वह नहीं तो तुम मर जाओ। तुम्हारे न होने पर एक घर शांत चलेगा। एक दिन बुजुर्ग माता-पिता ने निर्णय कर लिया कि इस जीने से तो मरना बेहतर है। खाना नहीं मिलता, ताने ही ताने, आखिरकार उन्होंने आत्महत्या करने की ठान ली। एक दिन सुबह सवेरे रवि और मीनू दोनों घर से गायब हो गए। तलाश की गई तो दोनों के शव जोहड़ में तैरते मिले। रामू की आंखों से आंसू नहीं रुक रहे थे किंतु नई बहू बस यही कहती कि बुड्ढे थे चले गए। अच्छा हुआ वरना इस धरती पर परेशान हो जाते। आखिर बात बढ़ती चली गई। रामू ने एक दिन अपनी पत्नी से कहा कि अब
समय आ गया कि तुम मेरे से तलाक ले लो और इतना कहकर उन्होंने अपनी नई पत्नी से तलाक ही ले लिया। दूर दराज तक आज चर्चा थी की नई बहू ने सारा घर बर्बाद कर दिया। आज बहू अलग घर में रहती तो रामू अपने अलग घर में। पर रामू उन बीते दिनों को याद कर रो पड़ता कि बसा बसाया घर एक नारी ने तबाह कर दिया है। आखिरकार एक दिन बहू की दुर्घटना में मौत हो गई। आस पास के लोग बस कह रहे थे कि परिवार को मारकर अब खुद मरी है।
