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kacha jagdish

Abstract

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kacha jagdish

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पैगाम एक सपने का

पैगाम एक सपने का

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एक छोटे से गांव का लड़का, दिन-रात मेहनत करता था लेकिन उसके पास अपने सपनों को पूरा करने के साधन नहीं थे। एक रात उसे एक सपना आता है जिसमें एक रहस्यमयी बूढ़ा उसे कहता है कि उसके सपने को पूरा करने की कुंजी उसकी दादी की पुरानी अलमारी में है।


रवि सुबह उठकर अलमारी की तलाशी लेता है और उसे एक पुरानी डायरी मिलती है। उस डायरी में उसकी दादी ने अपने संघर्षों और सपनों के बारे में लिखा था। हर पन्ना उसे नई प्रेरणा देता है।


डायरी के आखिरी पन्ने पर एक पता लिखा था। रवि उस पते पर जाता है, जो एक सरकारी लाइब्रेरी थी। वहां उसे पता चलता है कि उसकी दादी ने कभी एक किताब लिखी थी, लेकिन वह प्रकाशित नहीं हो सकी।


रवि ने उस किताब को पढ़ा और समझा कि उसका असली सपना खुद को खोजने और अपने अंदर छिपे लेखक को पहचानने का है। वह अपनी दादी की अधूरी किताब को छपवाने का फैसला करता है।


कहानी का संदेश:


सपने सिर्फ देखे नहीं जाते, उन्हें पूरा करने की हिम्मत भी करनी पड़ती है।


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