तैयारी रखना
तैयारी रखना
प्राचीन समय की बात है। एक राज्य में हर दो साल बाद भयंकर दुर्भिक्ष पड़ता था। इस बार भी वैसा ही संकट आ पड़ा। राजा परेशान था और प्रजा पानी के लिए त्राहि-त्राहि कर रही थी। तब राजा ने अपने नगर के सबसे बुद्धिमान व्यक्ति से मिलने का निश्चय किया।
उस व्यक्ति ने राजा को अपने घर बुलाया। राजा ने देखा कि उसके घर में पानी की कोई कमी नहीं थी। राजा ने हैरानी से पूछा, "जब पूरी प्रजा संकट में है, तुम्हारे पास पानी कहां से आ रहा है?"
भलेमानस ने मुस्कुराते हुए कहा, "महाराज, मैंने वर्षों पहले अपने आंगन में एक कुआं खुदवाया था। मुझे पता था कि यह संकट हर दो साल में आता है, इसलिए पहले से तैयारी कर ली।"
यह सुनकर राजा को अपनी भूल समझ आई। उसने महसूस किया कि संकट के समय के लिए तैयार रहना चाहिए। राजा ने तुरंत पूरे राज्य में एक विशाल तालाब खुदवाने का आदेश दिया। अगले वर्ष से प्रजा को कभी पानी की कमी का सामना नहीं करना पड़ा।
सीख: भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें समय रहते तैयारी करनी चाहिए।
