अब वायरस जहाँ बैठा है उसे हटाना है अब वायरस जहाँ बैठा है उसे हटाना है
फिर भी लिखना ही हैं जो चाहिए, तो दिल, "तेरा नाम" सरेआम करता, भी नहीं। फिर भी लिखना ही हैं जो चाहिए, तो दिल, "तेरा नाम" सरेआम करता, भी नहीं।
उसने उससे माफी मांगी। साहस आत्मविश्वास का प्रतीक है। उसने उससे माफी मांगी। साहस आत्मविश्वास का प्रतीक है।
परन्तु अब वह निरुत्तर था उसे कर्मानुसार फल तो भोगना ही था। परन्तु अब वह निरुत्तर था उसे कर्मानुसार फल तो भोगना ही था।
होते ही सबको घूमने–फिरने की आजादी दी जायगी तब तक के लिए खामोश रहे। होते ही सबको घूमने–फिरने की आजादी दी जायगी तब तक के लिए खामोश रहे।
किसी को भी अपने शब्दों से आहत न करें न जाने किस्मत कब पासा बदल लें । सबका सम्मान करें । किसी को भी अपने शब्दों से आहत न करें न जाने किस्मत कब पासा बदल लें । सबका सम्मान...