एक बार फिर अष्टभुजा ने अपना रूप धारण किया एक बार फिर अष्टभुजा ने अपना रूप धारण किया
आज के जमाने के बच्चों की परवरिश के तरीके पर व्यंग्य करती रचना..... आज के जमाने के बच्चों की परवरिश के तरीके पर व्यंग्य करती रचना.....
चलो ढूँढते हैं छोटी-छोटी खुशियाँ अपनों के बीच। मिलने- मिलाने का समय, साल में एक बार जरूर निकालें। चलो ढूँढते हैं छोटी-छोटी खुशियाँ अपनों के बीच। मिलने- मिलाने का समय, साल में एक ...
सु लैपटॉप पर उंगलियाँ चलाते हुए आप ही आप से बुदबुदाती जा रही थी। सु लैपटॉप पर उंगलियाँ चलाते हुए आप ही आप से बुदबुदाती जा रही थी।
ऐसा सुनकर सुनन्दा निरूत्तर हो गयीं और वहां से उठकर अपने कमरे में चली गयीं। ऐसा सुनकर सुनन्दा निरूत्तर हो गयीं और वहां से उठकर अपने कमरे में चली गयीं।
सासू माँ की बात मानवी चुपचाप सुन रही थी। सासू माँ की बात मानवी चुपचाप सुन रही थी।