कुसूर हमारा नहीं, इन आँधियों का है।’ कुसूर हमारा नहीं, इन आँधियों का है।’
यहां कितना कुछ सुंदर है। चारों ओर प्रकृति की छटा बिखरी हुई है यहां कितना कुछ सुंदर है। चारों ओर प्रकृति की छटा बिखरी हुई है
शेर और बाघ ने बुद्धिमान उपदेश को धन्यवाद दिया। वे अभी भी दोस्त बनने के लिए खुश थे। शेर और बाघ ने बुद्धिमान उपदेश को धन्यवाद दिया। वे अभी भी दोस्त बनने के लिए खुश थ...
कोई कंडे को सुलगा रहा था तो कोई आंटा गूंथ रहा था तो कोई प्याज काटने छांटने में व्यस्त हो गया। कोई कंडे को सुलगा रहा था तो कोई आंटा गूंथ रहा था तो कोई प्याज काटने छांटने में व...
अंधकार में देशकी संस्कृति गिन गिन कर सांसें ले रही है। वहां मरने जा रही है उसे आज कौन ब अंधकार में देशकी संस्कृति गिन गिन कर सांसें ले रही है। वहां मरने जा रही है उसे आ...
पर वो अभिनव से कोई बात भी नहीं की पर वो अभिनव से कोई बात भी नहीं की