फिर क्या था,घर में शहनाई बजी,श्रीधर और गुन्जा का ब्याह हो गया। फिर क्या था,घर में शहनाई बजी,श्रीधर और गुन्जा का ब्याह हो गया।
यहां कितना कुछ सुंदर है। चारों ओर प्रकृति की छटा बिखरी हुई है यहां कितना कुछ सुंदर है। चारों ओर प्रकृति की छटा बिखरी हुई है
तुम्हारा बरसो पुराना लेखिका बनने का सपना अवश्य साकार होगा दीदी। तुम्हारा बरसो पुराना लेखिका बनने का सपना अवश्य साकार होगा दीदी।
इतने में मेरी नज़र, बस में चढ़ रहे उन लोगो पर पड़ी, वो सब नेत्रहीन थे। इतने में मेरी नज़र, बस में चढ़ रहे उन लोगो पर पड़ी, वो सब नेत्रहीन थे।
नेत्रहीन घोड़ा हमेशा घंटी को सुनकर धीरे-धीरे उस दूसरे घोड़े के पीछे-पीछे चलता है नेत्रहीन घोड़ा हमेशा घंटी को सुनकर धीरे-धीरे उस दूसरे घोड़े के पीछे-पीछे चलता है
दिलीप कुमार जैसे अपने किसी रहस्य का खुलासा करते हैं दिलीप कुमार जैसे अपने किसी रहस्य का खुलासा करते हैं