प्रणय-डोर :
प्रणय-डोर :
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रुचिरा खुश नहीं थी अपनी शादी से, उसके पति प्रणय बहुत कोशिश करते उसको खुश रखने की, पर वो प्रणय जी से हमेशा दूरी बनाए रखती थी। आज कॉलेज में पुराने स्टूडेंट्स का पुनर्मिलन समारोह था, रुचिरा का सामना हुआ अभिनव के साथ... पर वो अभिनव से कोई बात भी नहीं की, समारोह ख़तम होने के बाद जब टैक्सी रुचिरा के दरवाजे पे रुकी और प्रणय जी आके शीशे में हाथ रखे तब वो भी मुस्कुराते हुए हाथ रख दी और अभिनव को भूल प्रणय जी के प्रणय-डोर में बंध गई हमेशा के लिए...
