सम्मान :
सम्मान :
आशीष अपनी पत्नी से बोल रहा है, "देहाती लड़कियों से शादी करनी ही नहीं चाहिए, एक लाइन इंग्लिश तक ठीक से बोला नहीं जाता तुमसे रीता... कितनी शर्मिंदगी होती है मुझे तुम्हारे साथ सोसाइटी पार्टी में जाने से।"
रीता उस वक़्त आशीष से कुछ बोली नहीं, चुपचाप से बस सुन के रह गई उसकी बातें।
आज आशीष के घर पे लोगों का भीड़ लगा है, सब कोई आए है रीता को बधाई देने। आशीष भी खुशी से फूले नहीं समा रहा, आखिर रीता को हिंदी भाषा साहित्य में अपना अनूठा योगदान रखने के कारण "साहित्य-श्री" का सम्मान जो प्राप्त हुआ है.....