एक पुरानी डायरी
एक पुरानी डायरी
राहुल एक साधारण लड़का था, जो अपने दादाजी के पुराने घर में छुट्टियां बिताने आया था। घर के हर कोने में एक अलग सी कहानी छिपी थी। एक दिन, उसे दादाजी के कमरे में एक पुरानी अलमारी मिली। उत्सुकता में उसने अलमारी खोली और वहां उसे एक पुरानी डायरी मिली।
डायरी के पहले पन्ने पर लिखा था, "जो इस डायरी को खोलेगा, उसे अपने अतीत और भविष्य दोनों का सामना करना होगा।" राहुल ने यह पढ़कर हंसते हुए डायरी के पन्ने पलटना शुरू कर दिया।
डायरी में शुरुआत में उसके दादाजी के बचपन की कहानियां थीं। लेकिन जैसे-जैसे वह पन्ने पलटता गया, उसे लगा जैसे ये कहानियां उससे जुड़ी हैं। अगले पन्ने पर उसकी स्कूल की एक घटना का वर्णन था, जिसमें उसने अपने सबसे अच्छे दोस्त से झगड़ा किया था। राहुल हैरान रह गया।
फिर एक पन्ने पर लिखा था, "भविष्य में तुम्हें एक बड़ा फैसला लेना होगा। अगर सही रास्ता चुनोगे तो जीवन खुशहाल होगा, अन्यथा पछतावा मिलेगा।"
राहुल अब घबरा गया था। अगले कुछ दिनों में उसे अहसास हुआ कि डायरी की बातें सच हो रही थीं। एक दिन, उसके दोस्तों ने उसे बुरी आदतों में शामिल होने का दबाव डाला। तभी राहुल को डायरी की भविष्यवाणी याद आई। उसने सही फैसला लिया और दोस्तों का दबाव ठुकरा दिया।
जब राहुल ने आखिरी पन्ना खोला, तो वहां लिखा था, "तुमने सही रास्ता चुना, और यही इस डायरी की आखिरी सीख थी। याद रखना, हर इंसान का भविष्य उसके निर्णयों पर निर्भर करता है।"
डायरी के आखिरी शब्द पढ़कर राहुल की आंखें नम हो गईं। उसने डायरी को बड़े ध्यान से अलमारी में वापस रख दिया और वादा किया कि वह हमेशा अपने फैसले सोच-समझकर लेगा।
सीख:
हमारे निर्णय ही हमारा भविष्य बनाते हैं। सही समय पर सही फैसले लेना सबसे महत्वपूर्ण होता है।
