पार्सल
पार्सल
“मुझे कैसे पता चलेगा तुम कौन हो”?
“पता क्या करना बस उसको उसके घर के पते पर भेज दो तब देखो मज़ा”
शीतल और दादा दोनों एक चाय की दुकान पर बैठ कर इस बात पर विचार कर रहे थे कि आखिर कैसे रमेश का मज़ा लिया जाए। रमेश हर बार किसी न किसी का पार्सल को लेकर खोल देता था ।
कुछ दिन पहले.......
रमेश हर बार की तरह बंगाली दादा के दुकान पर बैठ कर अपनी तारीफ करता और दादा की दुकान पर बैठ कर चाय पीता ।दादा भी संकोच बस कुछ बोल नहीं सकता था क्योकि रमेश बहुत ही बेकार आदमी था और बात बात पर कुछ न कुछ बोल देता और गाली भी दे देता था । जब कि दादा बंगाल का होने की वजह से कुछ बोल नहीं सकता था ।
“और दादा क्या हाल है”
“ठीक ही है और आप बोलो कैसे हो और आज यहाँ कैसे आना हुआ ?”
“कुछ नहीं सोचा बहुत दिन हो गया, इसलिए आज तुम्हारे पास आया हूँ”
“लेकिन रमेश जी आप तो कल भी आये थे तो फिर बहुत दिन कैसे हुआ “
अब रमेश को गुस्सा आ गया और उसके ही मेन कुर्सी पर बैठ गया ।
“तुम तो हो चूतिया, आज मुझे किसी और का पार्सल देखना है और तुम इधर उधर की बात करता है”
“रमेश भाई ऐसा न करो किसी और का पर्सनल जीज नहीं देखना चाहिए”
रमेश बिना कुछ सुने ही एक पार्सल उठता है और उसको खोल देता है। अब दादा भी कुछ नहीं बोल सकता था क्योंकि वो बहुत दबंग था ।रमेश ने एक पार्सल को जब खोल कर देखा तो उसमें एक परफ्यूम था और उसको निकाल कर पूरे बदन पर मरता है ।
“क्या सेंट है, लगता है बिदेशी है”
और रमेश उसको ले कर चला जाता है ।
कुछ दिन बाद ....
“क्या हुआ तुम इतने उदास क्यों हो “?
“कुछ नहीं यार रमेश से मैं बहुत परेशान हो गया हूँ”दादा शीतल से अपनी पूरी बात बताता है कि कैसे कैसे रमेश उसको परेशान करता है।तब शीतल ने दादा को एक तरीका बताया कि कैसे उसको सबक सिखाया जाये ।
कुछ दिन बाद....
एक दिन रास्ते मे एक कुत्ता मरा पड़ा रहता है तो शीतल को एक तरकीब सुझी ।उस कुत्ते को किसी की मदद से दादा की दुकान तक लाता है ।
“दादा तुम इसको रमेश के एड्रेस पर भेज दो फिर देखो कैसे रमेश भागा भागा आएगा “
“वो कैसे”?
शीतल उस कुत्ते को एक बॉक्स में पैक कर देता है और उस को ऐसा कर देता है कि पता न चले ।साथ साथ उसने पुलिस को फ़ोन कर देता है कि किसी की लाश को कोई कहीं ले जा रहा है ।
कुछ देर बाद......
वो पार्सल रमेश के घर पहुँचता है । घर की बेल बजती है ।
“कौन है”?
“पार्सल आया है”
रमेश बहुत खुश होता कि पहली बार किसी ने मुझे पार्सल भेजा है । लेकिन कुछ देर बाद पुलिस भी आ जाती है ।
“रमेश आप ने किसी आदमी की मर्डर कर के उसको दफन कर दिया”
किसी ने उसके बारे में फालतू की अफवाह फैला दिया था । कब तो रमेश की हालात खराब गो गयी कि किस चक्कर में पड़ गया ।और जब रमेश ने पार्सल खोला तो कुत्ते का ।
लेकिन कुछ देर बाद ही रेमश को भी समझ में आ गया कि उसने क्या किया लेकिन फिर पुलिस से बचने के लिए उसने दादा और पुलिस माफी मांगता है कि अब कभी किसी का पर्सनल पार्सल नहीं खोलेगा ।क्यूंकि उस कुत्ते की लाश से खून गिर रहा था ।
