खून

खून

2 mins
386


हॉस्पिटल में चारो ओर लोगो की चीखें आ रही है, कोई अपने भाई को तो कोई अपने माता पिता को खोज रहा था।

चारो ओर यही हो रहा है कि कौन है, कहाँ और किस हाल में है। एक औरत डॉक्टर के पास खड़ी हो कर रो रही है और पूछ रही है

“डॉक्टर साहब मेरा बेटा कहाँ “?

“मुझे कैसे पता”?

“अर्जुन नाम है 22 साल का मेरा लड़का है,उसको बचा लो डॉक्टर साहब।”

डॉक्टर ने उस औरत को एक और रूम में ले जाता है,और चारो ओर देखता है लेकिन वो कही नही दिखता है।

कुछ देर इधर इधर देखने के बाद जब नही मिला तो वो एक तरफ बैठ गयी।

तभी एक नर्स आती है, पास में कुछ लोग खड़े है और वो बोलती है

“कोई है जिसका ब्लडग्रुप O+ है” 

लेकिन बस उस औरत का ही ब्लड ग्रुप मिल रहा था लेकिन उसने खून देने से मना कर दिया था क्योंकि की उसको लगता था मैं बस अपने लड़के के लिए आई हूँ तो किसी और को खून क्यो दू।

लेकिन किसी ने नहीं बोला और कुछ देर बाद एक लाश बाहर आता है।

लेकिन जब उस लाश का चादर हटा तो वो कोई और नही बल्कि उसका लड़का अर्जुन ही था।

वो औरत रोने और चिल्लाने लगी और बोलती है।

“मेरे बेटे को जब बचा नही सकते थे तो क्यो लाया”

नर्स बोलती है

“ इसके लिए ही तो खून के बोल रहा था” लेकिन अपने देने से मना कर दिया”।

जरूरी नहीं अपना ही हो खून आप किसी को भी दे कर जान बचा सकते हो।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama