अफ़वाह
अफ़वाह
“कहते है ना आग से तेज़ अफवाह फैलती है।”
एक दिन अंकुर के घर पर एक आदमी आता है और उसके साथ कुछ बात कर के वो चला जाता है ।
ऐसे ही रोज वो आता और चला जाता है।
एक दिन उसके मोहल्ले की एक औरत ने किसी और औरत से बोलती है।
“तुम को पता है, ये लड़का कौन है और जब देखो वो इसके घर आता और जाता है।”
“हाँ, मैंने भी देखा है।”
“लेकिन कुछ तो बात होगी इसलिए तो आता होगा।”
और फिर ये बात उस औरत ने अपने बेटे से बताया।
फिर क्या था देखते देखते ही ये बात पूरे मोहल्ले में फैल गयी की कोई लड़का हर रोज इनके मोहल्ले में आता है ।
लेकिन ये बात अंकुर को बिल्कुल नही पता था।।
एक रात.....
करीब 11 बजे एक घर के बाहर कुछ लोग आ गए और एक लड़के को घर से बाहर निकालते है । फिर उसको अपने साथ ले गाड़ी में बैठा कर ले जाते है।
ये बात जब मोहल्ले वाले को पता चला तो सब के सब अंकुर के घर की तरफ जाने लगे लेकिन एक आदमी ने सब को रुकने को बोला।
“ऐसे अगर उसके घर मे जाएंगे तो शायद हम लोगो पर भी हमला कर सकता है।”
“तुम सही बोल रहे हो और हो सकता है कही ये हम को भी नुकसान न पहुँचाए।”
सब के सब एक गली में रुक गए और फिर से सब के सब वापस अपने घर चले गए।
सुबह सुबह.....
किसी ने पुलिस को फोन कर दिया कि हमारे मोहल्ले में किसी लड़के
का अपहरण कर लिया गया है ।
फिर क्या था पुलिस भी आ गयी
“किसने फ़ोन किया और क्या हुआ ?”
“सर, एक लड़के के घर पर 3-4 दिन एक लड़का आया “
एक और उसकी बात को बीच मे रोकते हुए खुद बोलती है।
“और फिर उसके अगले दिन रात को 11 बजे भी एक दूसरे घर से एक लड़के को ले जाते है”
अब देखते ही देखते अंकुर के पूरे घर को पुलिस घेर लेती है और एक पुलिस उसके दरवाजे पर बन्दूक लेकर खड़ा होता है।
“जो कोई भी घर के अन्दर है वो निकल जाओ।”
और पूरा मोहल्ला वही पर खड़ा रहता है। फिर अंकुर, वो लड़का जो हमेशा मिलने आता और रात का लड़का भी ।
एक और बड़ी तेज़ से कहती है- “सर, यही लड़का है जो हर रोज यहाँ आता है और यही सब इस लड़के को भी गाड़ी में बैठा कर ले जाते है “
तीनो एक दूसरे को देखते है और अंकुर बोलता है। “क्या हुआ सर, और इतनी भीड़ क्यों है मेरे घर के बाहर”
पुलिस ने भी बोला- “तुम ने इस लड़के का अपहरण किया था”
तब वो लड़का बोला।
“नही सर, ये तो मुझे 11 बजे अपने भाई के घर ले गया था । वो भी लड़की देखने की बात पर”
“और मैं ( जो रोज आता है उसने बोला) इनका जीजा हूँ जो शादी की बात के लिए आता था।
फिर सब के सब उस औरत को देखने लगे सब को समझने में किसी को देर नही लगी कि बिन सोच ही सब कुछ बोल देती है। इसलिए तो सोच समझ कर ही बोलना चलिए।