नया परिवार ( KKH 3 )
नया परिवार ( KKH 3 )


शुरुआत :- आज मेरी नींद ज़रा जल्दी खुल गई और उसका कारण था कि मम्मी पापा और नव्या मिलकर मेरे कमरे के बाजू वाले कमरे की सफ़ाई कर रहे हैं मैं भी उस कमरे में गया और पूछा
शिव :- क्या हो रहा है यार सुबह सुबह ?
नव्या :- पहले नींद से जागो अपने आप दिख जाएगा
शिव :- हँसी नई आई कोई नया जोक मार
मम्मी :- असल में आज हमारे घर में नई किरायदार आ रही है
शिव :- नई किरायदार। कब तय हुआ ये ?
पापा :- कल रात को ही क्या है कि वो पढ़ाई करने के लिए इस शहर में आई है और अब हमारे साथ ही रहेगी
शिव :- उसके साथ उसके मम्मी पापा भी होंगे तो सब एक कमरे में कैसे आएंगे
पापा :- नहीं नहीं असल में वो अनाथ है अनाथ आश्रम में रहती थी पहले
शिव :- ओ सॉरी ! लेकिन एक बार पूछ तो लेते मुझसे
पापा :- क्यों तू इस घर का मालिक है क्या
शिव :- मालिक नहीं हूँ लेकिन प्राइवेसी नाम की भी कोई चीज़ होती है
नव्या :- भैया वो आपके कमरे में नहीं रहने वाली जो आपकी प्राइवेसी को ख़तरा हो जाए
मम्मी :- तू क्या सुबह सुबह ये निजता का अधिकार आंदोलन लेकर बैठ गया
शिव :- ठीक है जो करना है करो मैं तो जा रहा हूँ अपने दोस्तों से मिलने
आज बड़े दिनों बाद मैं अपने दोनों जिगरी यारों से मिलने वाला था वरना लॉकडौन की वजह से तो ये सब बंद ही हो गया था तो चलिए आपको भी मिलवाता हूँ अपने दोस्तों से
चाय की टपरी पर
सुखचैन :- ओए ये ले तेरी चाय
मनन :- हाँ ला दे
सुख :- रुक अभी गरम है मैं तुझे ठंडी करके देता हूँ
लीजिए मैं भी पहुँच गया चाय की टपरी पर
दुकान वाला :- ये लो आपके समोसे
शिव :- एक सेकंड मनन इसमें मिर्च होगी ज़रा देख कर खाना
सुख :- ओ शिव प्राजी बड़े दिनों बाद याद आई हमारी
शिव :- हाँ यार क्या करूँ काम में बिज़ी रहता था
तभी वहाँ एक आदमी आकर बैठता है और मनन को देखकर हमसे पूछता है
वो आदमी :- सुनिए एक बात बताइए आपका ये दोस्त बचपन से ही पागल है या फ़िर कोई एक्सीडेंट हुआ था
मैं और सुखचैन कुछ भी बर्दाश्त कर सकते हैं लेकिन कोई मनन की बेज़्ज़ती करे ये बर्दाश्त नहीं कर सकते हाँ मनन भले ही दिमाग से थोड़ा कमज़ोर है लेकिन उसके जैसा दोस्त मिलना मुश्किल है
शिव :- देखिए भाईसाहब आपके लिए ये ही अच्छा होगा कि या तो आप चुप रहें या फ़िर यहाँ से चले जाएं क्योंकि अगर एक बार और आपने हमारे दोस्त के बारे में कुछ कहा तो भगवान शिव कि तरह इस शिव की तीसरी आँख खुलने में भी देर नहीं लगेगी
मेरे इतना कहने पर वो आदमी वहाँ से चला जाता है
मनन :- शिव छोड़ ना मुझे तो ये सब सुनने की आदत हो गई है
सुख :- क्या बात है प्राजी आज मूड ऑफ लग रहा है आपका
शिव :- हाँ यार क्या है कि आज घर में नई किरायदार आने वाली है
मनन :- तो ?
शिव :- यार ख़ुद ही सोचो तुम दोनों एक अनजान इंसान हमारे घर में हमारे साथ रहेगा तो हमारी रोज़ की एक्टिविटीज़ में तो फ़र्क पड़ेगा ना
सुख :- अरे प्राजी तुसी टेंशन ना लो पहले पहले प्रॉब्लम होगी बाद में तो आदत हो जाएगी ना
शिव :- हम्म देखते हैं आदत लगती है या नहीं। खैर चलो अब मैं चलता हूँ बैंक का काम भी है थोड़ा ठीक है
कहानी में आगे बढूँ उससे पहले आपको एक राज़ की बात बताता हूँ जो सिर्फ़ मेरे परिवार और दोस्तों को ही पता है इसलिए किसी को बताइएगा मत पिछले एपिसोड में आपको ये तो पता चल गया कि मैं मन की बातें सुन सकता हूँ लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूँ कि जब भी कुछ बुरा होने वाला होता है मुझे उसका पूर्वाभास हो जाता है।
मैं सारा काम ख़त्म करके दोपहर में घर पहुँचा तब तक वो किरायदार आ चुकी थी लेकिन हम दोनों एक दूसरे से पहली बार मिलने वाले थे इसलिए उसे नहीं पता था कि मैं कौन हूँ अब घर पहुँच कर मैंने देखा कि हमारी नई किरायदार कुर्सी पर चढ़कर दीवार पर एक तस्वीर लगाने की कोशिश कर रही है
शिव :- ओ हेलो एक सेकंड आप हैं कौन और ये क्या कर रहीं हैं
किरायदार :- मैं कोई भी हूँ मिस वर्ल्ड या मिस यूनिवर्स उससे तुम्हें क्या
शिव :- नहीं नहीं तुम इतनी भी खूबरसूरत नहीं हो वैसे हो कौन यार तुम
किरायदार :- मैं लावण्या वर्मा इस घर में पेइंग गेस्ट बनकर आई हूँ वैसे तुम कौन हो
शिव :- मैं शिव श्रीवास्तव इस घर के मालिक का बेटा
लावण्या(मन में) :- वाह अंकल इतने अच्छे उनका बेटा इतना अकड़ू
शिव :- मेरी अकड़ देखी कहाँ है तुमने
लावण्या(हैरानी में) :- तुम्हे कैसे पता मैं मन में क्या सोच रही हूँ
शिव :- वो सब छोड़ो तुम्हें ये सब तस्वीर लगानी है तो अपने रूम में जाकर लगाओ यहाँ नहीं
लावण्या :- पर मोहिनी आँटी ने कहा है कि मैं इसे यहाँ लगा सकती हूँ
शिव :- ठीक है अब सुप्रीम कोर्ट ने बोल दिया है तो ज़िला अदालत क्या करेगी
मैं अपने कमरे में जाने लगता हूँ तभी मुझे एक पूर्वाभास होता है और मैं दौड़ कर वापस नीचे आता हूँ
तभी लावण्या तस्वीर लगाते हुए कुर्सी से गिर जाती है लेकिन ज़मीन पर गिरने से पहले मैं उसे संभाल लेता हूँ
अब आप ये मत सोचिएगा कि फिल्मों की तरह बैकग्राउंड में एक गाना बजेगा हमारी एक दूसरे से नज़रें मिलेंगी क्योंकि ऐसा कुछ हो उससे पहले मम्मी पापा और नव्या वहाँ आ जाते हैं
मम्मी :- क्या है ये ?
लावण्या :- आँटी वो मैं कुर्सी से गिरने वाली थी तो शिव ने मुझे संभाल लिया
मम्मी :- अच्छा एक दूसरे से मिल चुके हो तुम
पापा :- वैसे बेटा इसे अब अपना ही घर समझना तुम और ये मत समझना कि तुम्हारे माता पिता नहीं हैं क्योंकि अब हम तुम्हारे माता पिता हैं
शिव :- वैसे किराया कितना तय किया है
पापा :- कुछ नहीं ये यहाँ बिना किराया दिए रहेगी और इसकी आगे की पढ़ाई की फ़ीस तुम भरोगे
शिव :- मैं मतलब मैं क्यों भरूँगा
पापा :- तो कौन भरेगा ?
शिव :- अरे अनाथ बच्चों कि पढ़ाई के लिए सरकार मदद करती है ना
मम्मी(तेज़ आवाज़ में) :- शिव अब एक और बार इसे अनाथ कहा तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा और बेटा तेरे पापा रिटायर हो चुके हैं इसलिए तुझे बोल रहें हैं
नव्या :- और भैया आपने ही तो पापा को टाइम से पहले रिटायरमेंट लेने को कहा था क्योंकि आप घर की ज़िम्मेदारी लेना चाहते थे
लावण्या :- प्लीज़ मेरी वजह से आप लोग मत लड़िये मैंने एक पार्ट टाइम जॉब ढूंढ ली है उससे मेरी पढ़ाई का खर्च निकल जाएगा
शिव :- नहीं उसकी ज़रूरत नहीं है जो पढ़ाई करता है उसे सिर्फ़ पढ़ाई करनी चाहिए तुम चिंता मत करो तुम बस अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो फ़ीस मैं देख लूंगा
लावण्या :- मैंने अपने माँ बाप को 12 साल की उम्र में खो दिया था पर आज मुझे माँ बाप के साथ छोटी बहन भी मिल गई
नव्या(मस्ती भरे अंदाज़ में) :- और भाई ?
शिव :- अरे वो सब छोड़ो यार लंच का टाइम भी हो रहा है बहुत भूख लगी है
नव्या :- लेकिन भाई का क्या
लावण्या :- हाँ मुझे भी भूख लग रही इतने दिन बाद आज घर का खाना खाने को मिलेगा
लावण्या (नव्या के कान में) :- सोचना भी मत प्लीज़
अंत :- इस कहानी को आप सब तक लाने का कारण सिर्फ़ ये था कि अगर हम किसी ऐसे व्यक्ति को अपना लें जिसे वाकई हमारी ज़रूरत है या जिसका दुनिया में कोई नहीं है तो उसे परिवार का साथ और सपोर्ट मिल सकता है।
भगवान श्री कृष्ण भगवान राम या हमारे कई सारे महापुरुषों ने उसे प्यार और सम्मान के साथ अपनाया जो उनके पास गया और उन्होंने उस रिश्ते को निभाया भी तो अगर हम भी ऐसा कर सकें तो उस व्यक्ति के जीवन में एक दोस्त एक भाई या बहन या फ़िर माँ बाप की कमी पूरी हो सकती है।
तो चलिए अब मैं मिलता हूँ आपसे अगले एपिसोड में तब तक के लिए जय श्री कृष्ण।