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Sanam Writer

Others

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Sanam Writer

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राज़ ( KKH 7 )

राज़ ( KKH 7 )

18 mins
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शुरुआत :- इस कहानी को शुरू करने से पहले मैं बता देना चाहता हूँ इस कहानी का मकसद किसी लड़की को ग़लत बताना या उसके चरित्र को ग़लत बताना नहीं है मैं सिर्फ़ ये बताना चाहता हूँ कि हर बार एक लड़का ग़लत नहीं हो सकता।

आज ऐसा लग रहा है जैसे कुछ होने वाला है पर क्या ये नहीं पता शायद कुछ बहुत बुरा या फिर बहुत अच्छा

मम्मी :- आज शिव इतनी दर तक क्यों सो रहा है

पापा :- तबीयत तो ठीक है ना उसकी

मम्मी :- पता नहीं मैं देख कर आती हूँ

मम्मी मेरे कमरे में आती हैं

मम्मी :- शिव उठ बेटा 10 बजने वाला है

शिव ( नींद से जागकर ) :- कितने बजने वाले हैं

मम्मी :- 10 और तू अभी तक सो रहा है तबीयत तो ठीक है ना

शिव :- क्या बताऊँ मम्मी कल रात से ऐसा लग रहा है जैसे कुछ होने वाला है और मैं वहीं सोच रहा हूँ कि क्या होने वाला है

मम्मी :- अरे तू चिंता मत कर जो होगा अच्छा ही होगा

शिव :- मम्मी एक बात बताऊं क्या

मम्मी :- हाँ बोल

शिव :- अगर वो वापस आ गई तो

मम्मी :- कौन ?

शिव :- वही यार समझो ना ज़रा

मम्मी :- अरे तू उसके बारे में क्यों सोच रहा है बेटा वो जा चुकी है भगवान ने उसे उसके कर्मों का फ़ल दिया होगा वैसे भी 2 साल के बाद वो क्यों आएगी

शिव ( रोते हुए ) :- बड़ी मुश्किल से मैं वापस पहले जैसा हो पाया हूँ सब मैं फिर से उस ही स्थिति में नहीं जाना चाहता अगर उस टाइम मेरे दोस्त मेरे साथ ना होते तो पता नहीं क्या होता

मम्मी :- शाँत हो जा देख पुरानी बातों को भूल जा इससे दिमाग पर बुरा असर हो सकता है

शिव :- ठीक है लेकिन हाँ नव्या को इस बात का पता नहीं चलना चाहिए

मम्मी :- नहीं चलेगा 2 साल पहले नहीं चला तो अब कैसे और जल्दी से नीचे आजा नाश्ता बन गया है

नाश्ते के वक़्त

लावण्या :- क्या बात है आज तुम बड़े बुझे हुए लग रहे हो

शिव :- तुम्हें इससे क्या मतलब मैं जैसा भी लगूँ

लावण्या :- यार तुम कभी भी सीधी तरह से बात क्यों नहीं करते

शिव ( गुस्से में ) :- नहीं करनी मुझे सीधी तरह से बात और प्लीज़ मेरी लाइफ में दख़ल ना ही दो तो ज़्यादा अच्छा होगा

ऐसा कहकर मैं गुस्से में वहाँ से चला जाता हूँ

लावण्या :- अंकल मैं आपसे एक बात पूछ सकती हूँ

पापा :- हाँ बोलो ना बेटा

लावण्या :- मैं इस घर की मेंबर नहीं हूँ लेकिन फिर भी पूछ रही हूँ कि शिव को कोई परेशानी है क्या वो ज़्यादातर गुस्से में रहता ठीक से बात नहीं करता उखड़ा उखड़ा रहता है तो क्या कारण है इसका

पापा ( नव्या की ओर देखते हुए ) :- तुमने कहा था ना कि तुम इस घर का हिस्सा नहीं हो बस वही तुम्हारे सवाल का जवाब है

लावण्या को बहुत बुरा लगा कि पापा ने उससे इस तरह से बात की और वो बहुत उदास हो गई

रात को सब खाना खा लेते हैं लेकिन लावण्या खाने के लिए नहीं आती इसलिए मम्मी और पापा उसके कमरे में जाते हैं

मम्मी :- लावण्या तुम आज खाना खाने नीचे क्यों नहीं आई

लावण्या :- आँटी मुझे भूख नहीं थी आज

पापा :- भूख नहीं थी या मेरी बात का दिल पर लग गई है

लावण्या :- नहीं अंकल ऐसी बात नहीं है

पापा :- अगर मेरी बात तुम्हारे दिल पर लगी है तो इससे पता चलता है कि तुम दिल वाली हो और तुम्हारा दिल कितना साफ़ है

लावण्या :- मैं कुछ समझी नहीं अंकल

पापा :- असल में क्या है ना बेटा मैं नव्या के सामने तुम्हारी बात का जवाब नहीं देना चाहता था इसलिए मैंने वो सब बोल दिया उसके लिए सॉरी पर अब मैं तुम्हारे सवाल का जवाब देता हूँ पर प्रॉमिस करो तुम नव्या को कुछ नहीं बताओगी

लावण्या :- डोंट वरी अंकल मैं उसे कुछ नहीं बताऊंगी

पापा :- अच्छा तो सुनो हमारा शिव पहले ऐसा गुस्से वाला अकड़ने वाला झगड़ा करने वाला नहीं था पहले वो बहुत अच्छा था

मम्मी :- वो अभी भी अच्छा है

पापा ( मुस्कुराते हुए ) :- हाँ हाँ अच्छा तो अभी भी है लेकिन पहले ऐसा झगड़ालू और गुस्से वाला नहीं था

लावण्या :- तो फिर हुआ क्या था

पापा :- शिव एक लड़की से बहुत प्यार करता था बहुत मतलब बहुत ज़्यादा वो सच्चा प्यार होता है ना वो लेकिन जिससे हम इतना प्यार करते हैं जब वोही हमें हमारी ज़िंदगी का सबसे बड़ा धोका देदे तो ऐसा लगता है सब ख़त्म हो गया

लावण्या :- ऐसा क्या धोका दिया था उसने

मम्मी :- मैं बताती हूँ एक दिन शिव उसके साथ कहीं घूमने गया था किसी रिसॉर्ट में अब पता नहीं उस लड़की के मन में क्या था कि उसने शिव को अपने रूम में बुलाया किसी काम से जब शिव उसके रूम में गया तो उस लड़की ने अपने रूम का दरवाज़ा लॉक कर लिया जब शिव कुछ समझ पाता उससे पहले उस लड़की ने अपना हुलिया बिगाड़ लिया बाल बिखरा लिए और फ़िर रिसॉर्ट में जाकर चिल्लाने लगी कि मुझे बचाओ वो मार डालेगा मुझे जब रिसॉर्ट के मैनेजर ने पूछा तो उसने बताया कि शिव ने उसका रेप किया है और वो जैसे तैसे वहाँ से बचकर भागी है

लावण्या :- क्या ? मतलब उसने शिव पर इतना बड़ा इल्ज़ाम लगा दिया

मम्मी :- हाँ फिर उस मैनेजर ने पुलिस को फ़ोन किया और शिव को गिरफ़्तार करवा दिया

लावण्या :- तो शिव को राठौड़ सर की हेल्प लेनी चाहिए थी वो तो समझ सकते थे ना कि शिव ऐसा नहीं कर सकता

मम्मी :- तब राठौड़ इंस्पेक्टर नहीं था तब तो वो ट्रेनिंग में था इसलिए फिर जब शिव को गिरफ़्तार करके ले जाया गया तो हमें ख़बर मिली उस टाइम नव्या 2 दिन की स्कूल पिकनिक पर गई थी इसलिए उसे कुछ नहीं पता हम पुलिस स्टेशन गए हमने बहुत कोशिश कि उस लड़की को समझाने की कि वो अपना झूठा आरोप वापस लेले और उसने उसके बदले में उसने हमसे 10 लाख रुपए माँगे तब हमारे पास इतने पैसे नहीं थे इसलिए हमें अपना पुराना घर बेचना पड़ा जितने में बिका उतने में बेचना पड़ा और उस लड़की को पैसे दिए

लावण्या :- अरे आप लोगों ने इतनी आसानी से पैसे क्यों दे दिए आप लोगों को कोर्ट में जाना चाहिए था

पापा :- हमें उस समय कुछ समझ नहीं आया बेटा हम बस शिव को बचाना चाहते थे नहीं तो उसकी ज़िंदगी बरबाद हो जाती

लावण्या :- नव्या ने आपसे पूछा नहीं कि घर क्यों बेचा

पापा :- उस घर के नए मालिक बहुत अच्छे थे इसलिए उन्होंने हमें वहाँ किराए से रहने दिया इसलिए नव्या को पता नहीं चला कि वो घर बिक चुका है शिव को लगता था कि घर उसकी वजह से गया है इसलिए उसने ठान लिया कि वो मेहनत करेगा और उससे भी बड़ा घर खरीदेगा उसने मेहनत की और ये घर खरीदा

मम्मी :- लेकिन बेटा तुम नव्या को मत बताना

लावण्या :- लेकिन आँटी अगर वो लड़की कभी वापस आ गई तो और नव्या ने उससे पूछ लिया कि वो इतने सालों से कहाँ थी तो

मम्मी :- बात ऐसी है बेटा कि नव्या उससे कभी मिली ही नहीं ना शिव ने उसे कभी बताया कि वो एक लड़की से प्यार करता है और शायद वो वापस ना आए पर अगर आई तो हमें नहीं पता क्या होगा क्योंकि अब शिव भी पहले जैसा नहीं रहा

और वही हुआ जिसका डर था वो लड़की एक दिन वापस आ गई इरादा वही था मुझे परेशान करना पैसे ऐंठना लेकिन इस बार मेरे सपोर्ट के लिए कोई ऐसा था जिससे मुझे सपोर्ट की कोई उम्मीद नहीं थी

अगले दिन नव्या रोज़ की तरह अपने कॉलेज से घर आ रही थी कि तभी एक ट्रक बड़ी तेज़ रफ़्तार से उसके पीछे आ रहा होता है जिसका उसे अंदाज़ा भी नहीं होता वो ट्रक उसे टक्कर मारने वाला होता है कि तभी वो लड़की उसे बचा लेती है

श्रेया ( वो लड़की ) :- तुम ठीक तो हो ना

नव्या :- हाँ दी मैं ठीक हूँ थैंक्स कि आपने मुझे बचा लिया

श्रेया :- अरे कोई बात नहीं वैसे तुम रहती कहाँ हो

नव्या :- मैं शिवशक्ति कॉलोनी में रहती हूँ

श्रेया :- अच्छा मुझे भी किसी काम से उस तरफ़ जाना है तो मैं छोड़ दूँगी तुम्हें

नव्या :- ठीक है मैं आपको अपनी फैमिली से भी मिलवा दूंगी

श्रेया ( मन में ) :- यही तो मैं चाहती हूँ

श्रेया नव्या के साथ घर आ जाती है और जैसे ही मम्मी दरवाज़ा खोलती है वो श्रेया को सामने देख हैरान रह जाती हैं

नव्या :- मम्मी मैं आपको किसी से मिलवाती हूँ ये श्रेया दीदी हैं मेरी नई दोस्त पता है आज मुझे एक ट्रक टक्कर मारने वाला था इन्होंने मुझे बचा लिया

श्रेया :- नमस्ते आँटी कैसी हैं आप

नव्या :- आप लोग बातें करो तब तक मैं चेंज करके आती हूँ

मम्मी :- तुमने नव्या को बचाया उसके लिए थैंक यू

श्रेया :- कोई बात नहीं आँटी वैसे घर तो बड़ा अच्छा बनाया है आपने

मम्मी :- नव्या को तुमने घर पर छोड़ दिया अब प्लीज़ जाओ यहाँ से

श्रेया :- ऐसे कैसे चली जाऊं मुझे अंकल से मिलना है और हाँ शिव से भी तो मिलना है

मम्मी :- तुम चाहती क्या हो और क्यों वापस आई हो हमारी ज़िंदगी में

श्रेया :- अरे आँटी आप तो गुस्सा हो गईं अब शिव ने मेरे साथ इतना ग़लत किया था तो उसकी भरपाई तो करनी पड़ेगी ना

पापा :- कौन आया है मोहिनी

श्रेया :- नमस्ते अंकल

पापा :- तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई यहाँ वापस आने की

तभी लावण्या और नव्या भी वहाँ आ जाते हैं

श्रेया :- ये कौन है नव्या

नव्या :- ये लावण्या दीदी हैं ये हमारे साथ ही रहती हैं

श्रेया :- तुमसे मिलके अच्छा लगा

लावण्या :- मुझे भी

श्रेया :- अच्छा अब मैं चलती हूँ और हाँ मिलती रहूँगी क्या है कि अब कुछ दिन यहीं मुंबई में ही हूँ

श्रेया ( मम्मी के कान में ) :- जानती हूँ आपको कितना बुरा लग रहा है लेकिन चिंता मत करिए बहुत जल्द मैं आपका ये घर भी बिकवा दूंगी वैसे पुराने केस खुलने में देर नहीं लगती

थोड़ी देर बाद

लावण्या :- आँटी थोड़ी देर पहले जो लड़की आई थी वो कौन थी

मम्मी :- वो वही लड़की थी जिसने शिव पर झूठा आरोप लगाया था

लावण्या :- तो आपने उसे घर में आने क्यों दिया

मम्मी :- नव्या के सामने मैं उसे नहीं रोक सकती थी

मैं रात में अपना एक काम ख़त्म करके घर आता हूँ

पापा :- देखो तुम दोनों एक बात ध्यान रखना शिव के सामने उस लड़की के बारे ना कोई बात करेगा ना ही कोई मन में उसके बारे में सोचेगा

लावण्या :- पर अंकल मन में सोचने से क्या लेना देना है

मम्मी :- शायद तुझे पता नहीं है शिव मन की बातें सुन लेता है

लावण्या :- ऐसा होता है क्या क्योंकि कहीं सुना नहीं है लेकिन फ़िर भी आप लोग कह रहें हैं तो मैं ध्यान रखूँगी लेकिन अगर नव्या ने कुछ बता दिया तो

मम्मी :- अरे हाँ नव्या को तो पता भी नहीं है कि वो लड़की है कौन हम एक काम करेंगे कि अभी नव्या और शिव को कुछ बात ही नहीं करने देंगे कल सुबह तो नव्या कॉलेज चली जाएगी तब हम सोचेंगे क्या करना है

लावण्या :- लेकिन आँटी इतनी बड़ी बात शिव से छुपाना ठीक होगा क्या

मम्मी :- पता नहीं बेटा लेकिन इतना ज़रूर पता है कि अगर शिव को पता चला तो वो कुछ भी कर सकता है कुछ भी मतलब कुछ भी कर सकता है

शिव :- क्या बात चल रही है तीनों में और क्या कुछ भी कर सकता हूँ मैं

मम्मी :- अरे तू कब आया

शिव :- मैं बस अभी ही आया जस्ट

लावण्या :- कुछ नहीं मैं आँटी से एक स्पेशल डिश बनाना सीख रही हूँ

शिव :- तो इसमें मेरी बात कहाँ से आ गई

मम्मी :- तू वो छोड़ और हाथ मुह धोले खाने का टाइम हो रहा है

शिव :- नहीं वो नव्या कल कह रही थी कि उसे अपने प्रोजेक्ट में मेरी हेल्प चाहिए तो पहले उसका काम करूँगा फिर खाऊंगा

मम्मी :- पर वो तो सो गई

शिव :- अरे हो ही नहीं सकता वो 2 बजे से पहले सोती ही नहीं है

मम्मी :- आज वो थक गई थी इसलिए सो गई

शिव :- अच्छा चलो ठीक है

लावण्या :- आँटी एक बात पूछूं

मम्मी :- हाँ पूछ

लावण्या :- ये श्रेया पहले कहाँ रहती थी और करती क्या थी

मम्मी :- रहती तो यही मुंबई में थी और पढ़ाई करती थी पर तू क्यों पूछ रही है

लावण्या :- नहीं बस ऐसे ही और ये दोनों उस दिन कौन से रिसॉर्ट में गए थे

मम्मी :- न्यू ऐज रिसॉर्ट में पर हुआ क्या है

लावण्या :- कुछ नहीं आँटी

अगले दिन मेरे मोबाइल पर एक फ़ोन आता है

शिव :- हेलो

श्रेया :- हेलो कैसे हो

शिव :- कौन बोल रहा है

श्रेया :- अरे भूल गए मुझे

शिव :- आप हो कौन वो तो बताओ पहले

श्रेया :- मैं वो ही हूँ जिसके साथ 2 साल पहले तुमने न्यू ऐज रिसॉर्ट में ज़बरदस्ती की थी

ये सुनकर मानो मेरे पैर के नीचे से ज़मीन खिसक गई

शिव :- अब क्या चाहिए तुम्हें वो सब करके भी मन नहीं भरा तुम्हारा

श्रेया :- और तुम्हारा मन कैसे भर गया तुम तो प्यार करते थे ना मुझसे

शिव :- हाँ करता था बेहद प्यार करता था तुमसे लेकिन वोही मेरी सबसे बड़ी ग़लती थी

श्रेया :- अच्छा आँटी ने बताया तो होगा ही ना कि मैं कल तुम्हारे घर आई थी

शिव :- क्या ? तुम कल घर आई थी

श्रेया :- हम्म इसका मतलब है आँटी ने अंकल ने और कौन है वो लड़की लावण्या किसी ने तुम्हें नहीं बताया खैर छोड़ो मैंने तुम्हें इसलिए फ़ोन किया था कि मुझे 15 लाख रुपए की ज़रूरत है तो फौरन मेरे एकाउंट में ट्रांसफर कर दो

शिव :- 15 लाख तो क्या 15 रुपए भी नहीं मिलने वाले तुम्हें जो करना हो कर लो

श्रेया :- देखो सीधी तरह से मान जाओ वरना जो केस बंद हो सकता है वो दोबारा खुल भी सकता है समझे चलो अब मैं रखती हूँ और हाँ ज़रा जल्दी करना

मैं बहुत ग़ुस्से में नीचे आता हूँ और चीज़ों को यहाँ वहाँ फेंक कर चिल्लाना शुरू कर देता हूँ

पापा :- अरे शिव क्या हुआ इतना ग़ुस्से में क्यों है

शिव :- एक तो आप लोगों ने मुझसे इतनी बड़ी बात छुपाई और पूछ रहे हो कि मैं गुस्से में क्यों हूँ

मम्मी :- कौनसी बात ?

शिव :- यही की श्रेया कल घर आई थी और तुम मिस लावण्या नव्या के लिए तो तुम मुझसे लड़ गई थी तो अब इतनी बड़ी बात बताने क्यों नहीं आई मेरे पास

लावण्या :- शिव मैं बताने वाली थी पर

शिव :- कब बताने वाली थी जब ये घर भी हमारे हाथ से चला जाता और जब मेरे माँ बाप ने ही मुझे नहीं बताया तो एक बाहरवाली से क्या उम्मीद कर सकता हूँ

मम्मी :- शिव तू पहले शाँत हो जा

शिव :- कैसे शाँत हो जाऊं इतनी बड़ी बात मुझसे क्यों छुपाई

पापा :- ये जो तेरा ग़ुस्सा है ना बस इसी वजह से नहीं बताया

शिव :- वैसे ये आई कैसे थी

मम्मी :- वो कल उसने नव्या का एक्सीडेंट होने से बचाया था तो नव्या ही उसे घर ले लाई थी

शिव :- एक्सीडेंट कैसे हुआ उसे कुछ हुआ तो नहीं ये बात भी छुपाई सबने मुझसे

मम्मी :- नहीं श्रेया ने उसे बचा लिया था और वो ही उसे यहाँ छोड़ने आई थी

लावण्या :- मिझे लगता है कि वो एक्सीडेंट उसने ही करवाया होगा ताकि वो नव्या को बचा ले और नव्या से उसे इस घर का अड्रेस मिल सके

पापा :- इसका मतलब वो नव्या पर बहुत दिनों से नज़र रखती होगी

शिव :- बहुत शातिर लड़की है वो अभी जब मेरे पास उसका फ़ोन आया तो उसने फिर से 15 लाख रुपए माँगे और ना देने पर केस फिरसे खुलवाने की धमकी दी

तभी मुझे फिरसे श्रेया का फ़ोन आता है

श्रेया :- पैसे कितनी देर में भेज रहे हो

शिव :- मैं पैसे देने के लिए तैयार हूँ लेकिन ऑनलाइन ट्रांसफर नहीं हो पाएगा तुम्हें चैक लेने आना होगा

श्रेया :- ज़रूर लेकिन तुम्हारे घर पर नहीं मैं एक सुनसान जगह के बारे में जानती हूँ चैक लेकर वहाँ आ जाओ और हाँ अकेले आना

शिव :- ठीक है

पापा :- तू उसे पैसे देने के लिए राज़ी क्यों हो गया

शिव :- अगर मैं ऐसा नहीं कहता तो वो मिलने के लिए भी तैयार नहीं होती

मम्मी :- तू अकेला मत जाना राठौड़ की मदद ले उसको लेकर जा

शिव :- नहीं मैं अकेला जाऊँगा कोई नहीं आएगा मेरे साथ

फिर मैं उस सुनसान जगह पर पहुँच जाता हूँ

श्रेया :- तुम तो टाइम के बड़े पक्के निकले जो टाइम बोला था उसी टाइम पर आ गए

शिव :- वो सब छोड़ो ये बताओ तुम चाहती क्या हो अब 2 साल बाद वापस क्यों आईं

श्रेया :- तुम मेरे एक्स बॉयफ्रेंड हो तो तुम्हारे पैसों पर मेरा थोड़ा तो हक बनता ही है

शिव :- कितनी लालची और गिरी हुई लड़की हो तुम

श्रेया :- वो जो भी हो मुझे पैसे से मतलब है अब जल्दी से वो चैक मुझे दे दो

शिव :- कौन सा चैक मेरे पास कोई चैक नहीं है

श्रेया :- हाँ पता था मुझे की तुम इतनी आसानी से मानने वाले नहीं हो इसलिए मैं पूरा इंतज़ाम करके आई हूँ

अचानक वहाँ पर 8-10 बाइक आ जाती हैं जिनपर बड़े ही हट्टे कट्टे गुंडे होते हैं और उनके हाथ में हथियार भी होते हैं पर मैं कहाँ कम हूँ

शिव :- 1,2,3,4,5...... अरे बस 20 ही लोगों को ला सकीं ये उम्मीद नहीं थी तुमसे

फिर वो गुंडे मुझपे हमला कर देते हैं और मैं भी पलटवार करते हुए उन गुंडों की हड्डी पसली एक कर देता हूँ

शिव :- अगली बार कम से कम 50 लोग लेकर आना तब मज़ा आएगा

मैं जाने लगता हूँ तभी एक गुंडा मेरे कंधे पर ज़ोर से डंडा मारता है जिससे मैं अपने घुटनों पर आ जाता हूँ जैसे ही वो दूसरा वार करने वाला होता है तभी एक हाथ आकर डंडे को पकड़ लेता है अब आप खुद ही देख लीजिए कौन है ये

सुखचैन :- ओ ना जी हमारे होते हुए हमारे दोस्त को कोई कैसे चोट पहुंचा सकता है

मनन :- हाँ अब हम..मेरा मतलब है ये दिखाएगा की ये क्या कर सकता है

अबे सुखचैन तो मुझसे भी बढ़कर निकला जितनी धुलाई मैंने इन गुंडों की नहीं कि उससे ज़्यादा तो इसने कर दी

श्रेया :- ये तुम लोगों ने अच्छा नहीं किया अब देखना मैं क्या करती हूँ

ऐसा कहकर श्रेया वहाँ से चली जाती है

सुखचैन :- ठीक तो हो पाजी

शिव :- अबे तुम दोनों के होते हुए मुझे कोई कैसे नुकसान पहुँचा सकता है वैसे तुम दोनों को बताया किसने कि मैं यहाँ हूँ

मनन :- लावण्या ने उसी ने हमें बताया कि तू यहाँ श्रेया से मिलने आया है

सुखचैन :- और श्रेया का नाम सुनते ही मैं समझ गया कि कुछ गड़बड़ है इसलिए हम फ़ौरन यहाँ आ गए वैसे एक बात तो है पाजी ये बंदी लावण्या आपकी बड़ी चिंता करती है

शिव :- चल ऐसा कुछ नहीं है वो तो मम्मी या पापा ने उसे तुम लोगों को फ़ोन करने को बोला होगा

शाम को मुझे राठौड़ का फ़ोन आता है

राठौड़ :- शिव तू फ़ौरन थाने आ जा तेरे ख़िलाफ़ कंप्लेंट हुई है

शिव :- कंप्लेंट किसने की

राठौड़ :- पहले तू आ फिर बताता हूँ और हाँ अंकल आँटी और लावण्या को भी लेकर आ

हम सब थाने पहुँचते हैं

राठौड़ :- शिव श्रेया ने तुम्हारे ख़िलाफ़ कंप्लेंट की है कि तुमने 2 साल पहले इसका रेप करने की कोशिश की थी

शिव :- पहली बात तो ये कि ये बात झूठ है दूसरी बात कि 2 साल बाद ये बात क्यों निकाली इसने

श्रेया :- क्योंकि 2 साल पहले तुम बच गए थे और मुझे इंसाफ़ नहीं मिला पर अब मुझे इंसाफ़ चाहिए इंस्पेक्टर साहब आप कोई एक्शन लीजिए

राठौड़ :- हाँ हाँ एक्शन तो लेंगे ही इंसाफ़ भी देंगे यही तो काम है पुलिस का वैसे आप 2 साल पहले यहीं मुंबई में रहती थीं ना

श्रेया :- हाँ

राठौड़ :- हम्म वैसे आप वही है ना जिनके पापा पर 10 साल पहले सरकारी पैसे की चोरी का इल्ज़ाम लगा था और तब इस केस को दबा दिया गया था

ये सुनकर श्रेया के चेहरे का रंग उड़ जाता है

श्रेया :- आपको कैसे पता ?

राठौड़ :- पुलिस से कोई बात नहीं छुपती मैडम वैसे अगर 2 साल पहले का केस खुल सकता है तो 10 साल पहले का केस भी खुल सकता है

श्रेया :- मैं समझ गई आप इस शिव के दोस्त हैं ना इसलिए इसे बचा रहे हैं पर बचा नहीं पाएंगे क्योंकि आपके पास मेरे ख़िलाफ़ कोई सबूत नहीं है

राठौड़ :- हाँ सच कहा सबूत तो नहीं है लेकिन गवाह ज़रूर है मिलवाता हूँ आपसे

राठौड़ उस गवाह को बुलाता है वो उसी रिसॉर्ट का मैनेजर होता है

राठौड़ :- हाँ तो मैनेजर साहब सच बोलेंगे या ख़ातिरदारी की जाए

मैनेजर :- सर उस दिन ये दोनों मेरे रिसॉर्ट में आए थे और इस लड़की ने मुझे 5 लाख रुपए का लालच दिया ताकी मैं इसके झूठे प्लान में इसका साथ दूँ

राठौड़ :- सुना अब आप सच बोलेंगी या लेडी कॉन्स्टेबल को बुलाऊँ

श्रेया :- नहीं मैं सच बताती हूँ उस दिन शिव ने मेरे साथ कुछ नहीं किया था मैंने ही इसे झूठे आरोप में फसाकर इसके परिवार से 10 लाख रुपए लिए जिसमें से 5 लाख मैंने इस मैनेजर को दिए थे

राठौड़ :- तुमने एक लड़की होने का गलत फायदा उठाकर इन लोगों को परेशान किया जिसके लिए तुम्हें अब लंबी सज़ा होगी

नियमों के अनुसार किसी लड़की को शाम 6 बजे के बाद गिरफ़्तार नहीं किया जा सकता इसलिए उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया

शिव :- थैंक यू राठौड़

राठौड़ :- मुझे नहीं लावण्या को थैंक यू बोल इसी ने मुझे पूरी बात बताई जिसके बाद मैं सच का पता लगा पाया

शिव :- जबसे तुम घर में आई मैंने कभी तुमसे ठीक से बात नहीं की तुम्हारी बात सुनने की कोशिश नहीं कि मम्मी पापा नव्या सब तुम्हें परिवार का हिस्सा मानने लगे पर मैं तुम्हें बस एक किरायदार समझता था पर फिर भी तुमने मेरी इतनी मदद की पहले सुख और मनन को मेरी मदद के लिए भेजकर फिर राठौड़ की मदद करके सो थैंक यू

लावण्या :- तुम्हारे लिए मेरा इतना करना तो बनता है

शिव :- मतलब ?

लावण्या :- कुछ नहीं

अंत :- महिलाओं को पूरा अधिकार है कि अगर उनके साथ कुछ भी गलत होता है तो वो उसकी शिकायत करे और उसकी शिकायत सबसे पहले सुनी भी जाएगी लेकिन इसका ग़लत फायदा उठाना भी सही नहीं है

हर लड़का एक जैसा नहीं हो सकता हर लड़का ग़लत भी नहीं हो सकता।

तो चलिए अब मैं मिलता हूँ आपसे अगले एपिसोड में तब तक के लिए जय श्री कृष्ण।


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