मैं रायपुर में हूँ कल्पना मैं आज नहीं आ पाउंगा , कल मिलेंगे। मैं रायपुर में हूँ कल्पना मैं आज नहीं आ पाउंगा , कल मिलेंगे।
दूसरों के बारे में, झूठे भरम पाल लेते हैं ...और सच... हाशिये पर धकेल दिया जाता है। दूसरों के बारे में, झूठे भरम पाल लेते हैं ...और सच... हाशिये पर धकेल दिया जाता ह...
सभी की जुबां पर बस एक ही बात है कि जब इन दोनों की लड़ाई होगी खून ज़रुर बहेगा सभी की जुबां पर बस एक ही बात है कि जब इन दोनों की लड़ाई होगी खून ज़रुर बहेगा
रमन ने जवाब दिया और सब लोग खंडहर के लिए निकल पड़ते हैं। रमन ने जवाब दिया और सब लोग खंडहर के लिए निकल पड़ते हैं।
साहित्यिक उत्तरदायित्व है कि आने वाली पीढ़ी शुद्ध साहित्यिक परिवेश को धारण करे। साहित्यिक उत्तरदायित्व है कि आने वाली पीढ़ी शुद्ध साहित्यिक परिवेश को धारण करे।
उसने दी हुई झूठी मुस्कान अब बीत जो गयी ! उसने दी हुई झूठी मुस्कान अब बीत जो गयी !