कातिल कौन ? पार्ट - 1
कातिल कौन ? पार्ट - 1
" शालू , ओह शालू ; कहां है तू, जल्दी निकल।" शालू की दोस्त प्रीति ने उसको आवाज़ लगाई।
" अरे ! क्या हुआ ? चिल्ला क्यों रही है ?" शालू ने पूछा।
" अरे ! गजब हो गया, तुम्हारी तो दुनिया ही लूट गई।" प्रीति ने कहा।
" पर, हुआ क्या, जल्दी बता; हमारा दिल बैठा जा रहा है। शालू ने परेशान होते हुए पूछा।
" राघव नहीं रहा, तुम्हारा पति नहीं रहा; अभी खेत में उसकी लाश मिली है।" प्रीति ने बताया।
" पागल हो गई है तू, कुछ भी बोले जा रही है; माना कि तुझे मजाक करने की आदत है, पर इस तरह का मजाक मुझे पसंद नहीं।" शालू बोली।
" अरे ! मैं सच कह रही हूं, मैं क्या तेरे साथ ऎसा मजाक करूंगी, उसकी किसी ने गोदकर हत्या कर दी है और पुलिस अभी खेत में ही है।" प्रीति ने बताया।
शालू रोने लगती है और कहती है " ये नहीं हो सकता, अभी तो हमारी शादी हुई थी और उन्होंने जीवन भर साथ निभाने का वादा किया था, ऐसे कैसे बीच में छोड़कर जा सकते हैं।" रोते रोते शालू कहने लगी।
शालिनी उर्फ शालू और राघव की शादी अभी छ महीने पहले ही यूपी के एक गांव में हुई थी, राघव खेती करता था और खाने लायक कमा लेता था, राघव की मां उसके साथ ही रहती थी और राघव के पिताजी राघव जब बारह साल का था, तभी गुजर गए; राघव की मां ने खेती का काम करके राघव को बड़ा किया और छ महीने पहले उसकी शादी की और अब अचानक राघव की मौत हो गई।
पोस्टमार्टम के बाद राघव का पार्थिव शरीर राघव के गांव लाया गया और सबने दुखी मन से उसे अंतिम विदाई दी, राघव के केस की इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर समीर कर रहे थे और वो पूछताछ के लिए राघव की मां, पत्नी शालू और शालू की पड़ोसन और सहेली प्रीति को पुलिस स्टेशन बुलाते हैं और शालू से पूछते हैं " आपके पति कितने बजे घर से निकले थे ?"
" जी साहब, वो सुबह साढ़े छह बजे ही निकल गए थे।" शालू ने बताया।
" उनकी किसी से कोई दुश्मनी थी क्या ?" ऑफिसर ने फिर पूछा।
इस बार शालू की जगह जवाब देते हुए राघव की मां रोहिणी बोली " नहीं साहब, मेरे बेटे की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी, बहुत सीधा था मेरा बेटा; पता नहीं क्यों किसी ने उसे मार दिया; साहब, जिसने भी ऐसा किया होगा ना साहब; उसे आप छोड़ना नहीं।" रोते हुए रोहिणी ने जवाब दिया।
" देखिए, आप रोइए नहीं; मैं इस समय आप पर क्या बीत रही है, समझ सकता हूं, पर अगर आप लोगो को कुछ याद याद आता है; तो बताइएगा मुझे; तभी मैं कातिल को ढूंढ पाऊंगा।" ऑफिसर समीर ने कहा और फिर समीर ने दोबारा शालू से पूछा " आपके और राघव आपस में रिश्ते कैसे थे, मेरा मतलब आपकी शादीशुदा ज़िंदगी में कोई परेशानी तो नहीं थी।" ऑफिसर ने पूछा।
" नहीं साहब, अभी छ महीने पहले ही हमारी शादी हुई थी, हम दोनों बहुत खुश थे, हमें ना उनसे और ना ही अपनी सासूमां से कोई शिकायत है।" शालू ने कहा।
" और मिस प्रीति, आप तो इनकी पड़ोसी और अच्छी सहेली भी है; आप कुछ बता सकती है; अगर कुछ जानती है तो ?" ऑफिसर ने प्रीति को पूछा।
" नहीं साहब, मैं कुछ नहीं जानती अगर कुछ जानती, तो आपको बता देती।" प्रीति ने जवाब दिया।
" ठीक है, आप लोग जाइए, कोई जरूरत पड़ेगी; तो आप लोगों को बुलवा लूंगा।" ऑफिसर ने कहा।
" जी साहब।" प्रीति ने जवाब दिया और वो तीनों वहां से चले जाते हैं।
" सर, आप जानते थे, की ये लोग झूठ बोल रहे थे कि राघव सीधा साधा था और शालू ने भी कहा कि उसे घर में किसी से कोई शिकायत नहीं थी, पर गांव वालों ने बताया था, की राघव बहुत पीता था और इस वजह से उसकी मां और पत्नी से झगड़ा होता रहता था और तो और वो गांव वालों से भी लड़ता झगड़ता रहता था, फिर भी आपने उनसे सख्ती से पूछताछ क्यों नहीं की ?" इंस्पेक्टर रमन ने समीर से पूछा।
" अभी मैं इनके बारे में कह नहीं सकता हूं, इनमें से कोई गुनहगार है या नहीं, और रही बात झूठ बोलने की, झूठ बोलने के पीछे कारण हो सकते हैं; पहला शर्म की वजह से भी हो सकता है, राघव के बारे में नहीं बताया हो और दूसरा कारण कुछ भी हो सकता है, की इनमें से ही किसी ने गुनाह किया हो या तीनों ने और....खैर ये सब तो ठीक है, पर तुम अभी इन लोगों पर नजर रखने के लिए दो लोगों को लगा दो.....बाकी और पता करने की कोशिश करते हैं और मर्डर वेपन मिला क्या ?" समीर ने पूछा।
" जी नहीं सर, अभी नहीं। " रमन ने बताया।
" ठीक है, तुम अभी जाओ।" समीर ने कहा।
" जी सर।" और रमन चला जाता है।
और अचानक फोन की घंटी बजती है और समीर फोन उठाता है और दूसरी तरफ से आवाज आती है " सर, सर अगर आप राघव के कातिलों को जानना चाहते हैं, तो मुझे नहर के पास पीछे जो खंडहर है वहां आकर मिलिए, वहीं मिल जाऊंगा मैं आपको, पर जल्दी आइएगा।" और फोन कट कर दिया।
" हैलो, हैलो; अरे फोन कट कर दिया।" और समीर रमन को बुलाते हैं, रमन कहता है" जी सर, कहिए।"
" मेरे पास किसी का फोन आया था, उसने नहर के पीछे खंडहर में बुलाया है; राघव के कातिल के बारे में बताने के लिए।" समीर ने बताया।
" पर वो वहां क्यों बुला रहा है, यहां भी तो आ सकता था, हो सकता है; कोई मजाक कर रहा हो।" रमन ने बोला।
" अरे ! हो सकता है कि उसकी जान को भी खतरा हो, और वो वहां छुपा हो, कुछ भी हो सकता है, चलकर तो देखना पड़ेगा, ये बात सच भी तो हो सकती है, अब जल्दी चलो, एक कांस्टेबल को ले लो और जल्दी बुलाया है उसने।" समीर ने ऑर्डर देते हुए कहा।
" जी सर।" रमन ने जवाब दिया और सब लोग खंडहर के लिए निकल पड़ते हैं।
to be continued