STORYMIRROR

Shweta Sharma

Tragedy Crime Thriller

4  

Shweta Sharma

Tragedy Crime Thriller

माधव का कत्ल.....Part - 2

माधव का कत्ल.....Part - 2

2 mins
399

पिछले पार्ट में आपने पढ़ा, की रामवती के बेटे माधव की हत्या हो जाती है और रामवती हत्या का इल्ज़ाम फैक्ट्री के मालिक के बेटे राजदीप पर लगाती है, अब आगे पढ़िए

करन, माधव जिस फैक्ट्री में काम करता था, वहां जाता है, वहां वो बाकी वर्कर्स से पूछताछ करता है, जहां ये बात निकलकर आती है, की राजदीप और माधव में अच्छी दोस्ती थी, 

उनका किसी बात को लेकर भी मनमुटाव नहीं था, राजदीप इसी फैक्ट्री में बैठता था और माधव उसका विश्वासपात्र ज्यादा था,

अब करन ने राजदीप से बात करने का प्लान बनाया, पर अफसोस राजदीप शहर से बाहर था और उसका फोन भी बिजी जा रहा था, इसलिए करन ने राजदीप के पापा आकाशदीप ठाकुर को पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन बुलाया,

आकाशदीप ठाकुर जितने अमीर थे, उतने ही सरल और साधारण थे, वो इंस्पेक्टर करन के बताए हुए समय पर पहुंच चुके थे

"आइए, आकाशदीप जी, बैठिए।" मुस्कुराते हुए करन बोला

"जी, शुक्रिया इंस्पेक्टर।" आकाशदीप ने कहा

"ठाकुर साहब, आपका बेटा राजदीप कहां है?"करन ने बिना किसी भूमिका के पूछा

"जी, वो कनाडा गया है, बिज़नेस के सिलसिले में।"शांत भाव से आकाशदीप ने जवाब दिया

"कब गए थे?" करन ने नजरें मिलाते हुए पूछा

"जी, एक हफ्ता हो गया उसे गए।"आकाशदीप बोला

"कब तक आएंगे और फोन क्यों नहीं लग रहा उनका ?"करन ने पूछा

"आना तो उसे कल था, पर आया नहीं; ना उसका फोन आया; मैं खुद परेशान हूं।"आकाशदीप परेशान सा होते हुए बोला

"ओह! होटल वगैरह में पता कीजिए, जहां वो ठहरा होगा या उन लोगों से पता कीजिए, जहां उसे जाना था।" करन बोला

"पता किया था, उन्होंने बताया; की राजदीप ने अपना काम निपटा दिया था और उसका कहीं और घूमने जाने का प्लान था, जो उसने मुझे जाने से पहले बताया था, पर मैने इनकार कर दिया था; क्यूंकि बिजनेस की कुछ इंपोर्टेंट मीटिंग्स होने वाली थी

और मैं चाहता था, की राजदीप उन्हें अटेंड करे, इसलिए उसे कल आना था, पर वो आया नहीं, मुझे लगा की वो शायद घूमने निकल गया होगा।"आकाशदीप ने बताया

"तो आपको कोई अंदाजा नहीं है की वो कहां गए होंगे?" करन ने पूछा

"जी नहीं, क्योंकि कहां जाने का सोच रहा था, ये उसने नहीं बताया था, मैने पूछा था पर बताया नहीं; वो घूमने गया है वो अलग बात है,

लेकिन वो ऐसा कभी नहीं करता, की कहीं जाए और फोन पर ना बताए या फोन रिसीव ना करे; इसलिए मैं थोड़ा परेशान हूं।"आकाशदीप ने कहा

"आखिरी बार कब बात हुई थी उनसे आपकी?"करन ने पूछा

"परसो सुबह।"आकाशदीप ने बताया।

"ओह! अच्छा।"करन ने कहा।

To Be Continued


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Tragedy