Unmask a web of secrets & mystery with our new release, "The Heel" which stands at 7th place on Amazon's Hot new Releases! Grab your copy NOW!
Unmask a web of secrets & mystery with our new release, "The Heel" which stands at 7th place on Amazon's Hot new Releases! Grab your copy NOW!

Shweta Sharma

Tragedy Thriller Others

3  

Shweta Sharma

Tragedy Thriller Others

एक साल पहले

एक साल पहले

5 mins
455


शादी हो रही थी, दुल्हन सज कर आ चुकी थी, इंतजार था बस बारातियों का, जहां सब जगह खुशियां बिखरी हुई थी, वहां अब मातम छा गया, 

जहां कुछ देर पहले ढोल की आवाज गूंज रही थी, वहां दिल चीरने वाला सन्नाटा हो गया, अभी आधे घंटे पहले यहां से तूफान गुजर कर गया है और वो तूफान आया था पुलिस के रूप में

दुल्हन जिसे शादी के मंडप पर होना चाहिए था और जिसके हाथों में चूड़ियां थी, उन्हीं हाथों में हथकड़ी पहनाकर पुलिस स्टेशन ले जाया गया,

पर हुआ क्या, ये सब जानने के लिए एक साल पीछे जाना होगा


अनिकेत, वीरा और गौरी तीनों बचपन के दोस्त थे, एक ही स्कूल और कॉलेज से पढ़ाई की थी, कॉलेज का आज फेयरवेल था, जो खत्म हो चुका था, वीरा और गौरी कॉलेज के पार्क की बेंच पर बैठे थे

"यार, तू कब कहेगी, जब वो किसी और से प्यार करने लगेगा तब कहेगी।" गौरी ने वीरा को कहा

"यार, मैं क्या करूं, हम तीनों बचपन के दोस्त है, अनिकेत को ये बोलना की, मैं, मैं वो यू आई एम, मेरा मतलब।" वीरा ने हकलाते हुए कहा।

"जब मेरे सामने ही ठीक से नहीं बोल पा रही तो, उसके सामने क्या बोलेगी तू।" प्यार भरा हल्का सा डांटते हुए गौरी बोली।

"हां यार।" अचानक अनिकेत को आते देख वीरा चुप हो गई।

"अगर दोनों की पंचायत हो गई हो, तो चलें, ना जाने क्या पंचायतें करती रहती हो दोनों।" हंसते हुए अनिकेत बोला।

"चुप रह और चल, और सुन, रास्ते से जाते हुए शंकर हलवाई के समोसे खाते चलेंगे।" गौरी बोली। अनिकेत हंसते हुए बोला

"अभी तो इतना सब खाया है, अब फिर खाना है, कितनी भुक्कड़ है रे तू।"

"तुझे नहीं खाना, मत खाइयों, पर मैं तो खाऊंगी।" झूठा गुस्सा दिखाते हुए गौरी बोली।

"तू क्या खाएगी वीरा, मेरा दिमाग छोड़कर तेरा जो मन आए वो खा लियो और तू आज इतना चुप क्यों हो।" हंसते हुए अनिकेत ने पूछा

वीरा बिना इजाज़त निकल पड़े आंसुओं को पोंछते हुए वहां से भागने लगती है, ये सब देखकर अनिकेत वीरा से कहता है

"अरे, वीरा रुक, कहां भाग रही है, मैं तो मजाक कर रहा था।" और फिर गौरी से पूछता है" 

इसको अचानक क्या हुआ, ये ऐसे क्यों भाग गई, सब ठीक तो है ना?" 

तू जाकर खुद पता कर ले, तब तक मैं दिव्या मैम से मिलकर आती हूं।" गौरी ने कहा और चली गई।

वीरा भागकर लाइब्रेरी में आ गई थी, वैसे भी वीरा को किताबों से बहुत प्यार है, इसलिए मूड खराब होने पर किताबें ही पड़ती है या लाइब्रेरी में होती है,

वीरा कोई बुक ढूंढ रही थी, लेकिन आज उसका मन कहीं नहीं लग रहा था, आंसू अभी भी बेखबर से बहे जा रहे थे, तभी उसने देखा की अनिकेत वहां आ गया है, अनिकेत को देखकर वीरा छुप जाती है


अनिकेत वीरा को लाइब्रेरी में देखने लगता है, लेकिन उसे वीरा दिख नहीं पाती है और अनिकेत लाइब्रेरी से बाहर चला जाता है और वीरा वहां बेंच पर बैठकर किताब पढ़ने लगती हैतभी वीरा के क्लास की एक लड़की देवोलीना वहां आती है और वीरा से कहती है "वीरा, तुझे जल्दी ही गौरी और अनिकेत ने ऑडिटोरियम में बुलाया है।"

"वहां क्यों, क्या हुआ?" वीरा ने पूछा।

"वो सब मुझे नहीं पता यार।" देवोलीना बोली।

"ओके, इस गौरी को भी चैन नहीं है। "देवोलीना को आंसर देकर खुद से ही बड़बड़ाते हुए लाइब्रेरी से बाहर निकल गई वीरा

वीरा ऑडिटोरियम में पहुंचती हैं, लेकिन वहां बहुत अंधेरा होता है, वीरा खुद से बड़बड़ाते हुए कहती है" देवो तो कह रही थी, की यहां अनिकेत और गौरी ने बुलाया है, पर यहां तो सिर्फ अंधेरा है।"

"ओए लड़की, तू यहां आ तो गई, पर जा नहीं पाएगी।" किसी आदमी ने वीरा को कहा और वीरा बहुत डर जाती है और पूछती है" कौन है यहां?

"डर मत, मैं हूं अनिकेत?" हंसते हुए अनिकेत बोला, जो ऑडिटोरियम की एक चेयर पर बैठा था, अंधेरे और थोड़े डर की वजह से वीरा देख नहीं पाई थी

अनिकेत अपने मोबाइल की टॉर्च ऑन करता है और जोर से हंसते हुए कहता है "अंधेरे में खड़ी थी, लेकिन मोबाइल का टॉर्च ऑन नहीं किया।

"गौरी कहां है और मुझे यहां क्यों बुलाया है और।" बोलते बोलते चुप हो गई वीरा, क्योंकि अनिकेत मुस्कुराते हुए वीरा को बहुत प्यार से देख रहा था।

"क्या हुआ, तुम.....ऐसे देख क्यों रहे हो और.....मुस्कुरा क्यों रहे हो?" थोड़ा हड़बड़ाते हुए वीरा बोली।

"अरे, कुछ नहीं, तू बोल ना, क्या कह रही थी, बोलते हुए बड़ी क्यूट लग रही थी तू।" प्यार से अनिकेत बोला

"तुम्हें क्या हो गया है अचानक?" थोड़ा हिचकिचाते हुए वीरा ने पूछा।

"वो ही जो तुम्हें हुआ है।" थोड़ा सा करीब आकर अनिकेत बोला।


लेकिन अचानक पीछे से किसी ने आकर रस्सी से वीरा का गला पकड़ लिया और अनिकेत ने वीरा पर चाकू से तीन चार वार किए, वीरा वहीं तड़प कर मर गई, मर्डर करते हुए किसी ने उस अनजान शख्स और अनिकेत को देख लिया एक साल हो चुका था, बहुत कोशिश करने के बावजूद भी वीरा का कातिल पकड़ में नहीं आ रहा था

अब वापस आते हैं वर्तमान में जहां दुल्हन, दूल्हा और दोनों की फैमिली पुलिस स्टेशन में हैंदूल्हा था अनिकेत और दुल्हन थी देवोलीना जिन्होंने मिलकर वीरा का मर्डर किया था और जिसने मर्डर करते हुए देखा था वो थी गौरी

अनिकेत और देवोलीना से पूछा, तब अनिकेत ने बताया की, "पापा को देवोलीना से मेरी शादी डिफरेंट कास्ट होने की वजह से मंजूर नहीं थी, 

मैं जानता था, की वीरा मुझे प्यार करती है और पापा वीरा को ही मेरे लिए पसंद करते थे और वो मुझसे वीरा से शादी करने के लिए कह रहे थे, इसलिए हमनें वीरा को......"

"कमीने, वो तुझसे कौन सा शादी जबरदस्ती करती, बल्कि तेरी खुशी के लिए वो तेरे पापा को देवो के साथ तेरी शादी के लिए मनाने की कोशिश करती।" अनिकेत का गला पकड़ कर चीखते हुए गौरी ने कहा

"छोड़िए, इन्हें हम देखेंगे।" इंस्पेक्टर ने कहा।


"तुम दोनों को क्या लगा था, की दोनों गुनाह करके बच जाओगे, एक साल तुम्हारे खिलाफ सबूत जुटाने में लगाए थे मैंने, अब करो शादी जेल में।" गौरी ने कहा और चली गई।



Rate this content
Log in

More hindi story from Shweta Sharma

Similar hindi story from Tragedy