बलात्कारी एक संक्रमित रोग के समान हैं। बलात्कारी एक संक्रमित रोग के समान हैं।
परंतु अपने स्वार्थ के चलते उसने ये सुख हमेशा के लिए खो दिया। परंतु अपने स्वार्थ के चलते उसने ये सुख हमेशा के लिए खो दिया।
अंकल जी मेरा गुनाह क्या था ? आखिर मेरा गुनाह क्या था ? अंकल जी मेरा गुनाह क्या था ? आखिर मेरा गुनाह क्या था ?
रमन ने जवाब दिया और सब लोग खंडहर के लिए निकल पड़ते हैं। रमन ने जवाब दिया और सब लोग खंडहर के लिए निकल पड़ते हैं।
अब तो खुद की परछाइयां भी उसे डराती थीं। लोग उसे पागल समझने लगे थे। अब तो खुद की परछाइयां भी उसे डराती थीं। लोग उसे पागल समझने लगे थे।
रंजना की सोच ने उसे राहत प्रदान की। अब वह अनकहे रिश्तों के साथ थी। रंजना की सोच ने उसे राहत प्रदान की। अब वह अनकहे रिश्तों के साथ थी।