टूटा हुआ विश्वास
टूटा हुआ विश्वास
"अरे यार, देख तेरे पति को, किसी लड़की को लेकर बाइक पर जा रहा है, तू जानती है वो लड़की कौन है??" माया ने अपनी पड़ोसन मानवी के पति को एक लड़की के साथ बाइक पर जाते हुए देखकर कहा, जब दोनों मार्केट से घर वापस जा रही थीं।
"नहीं, मैं नहीं जानती।" कुछ हैरान और परेशान सी होते हुए मानवी ने कहा।
"अरे यार, सच में तू बहुत ज्यादा सीधी है, अमन भैया स्मार्ट है और वो लड़की भी सुंदर लग रही थी, ऐसे दोनों बाइक पर, मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा।" माया बोली।
"नहीं नहीं, ऐसा कुछ नहीं है, अमन मुझसे बहुत प्यार करते हैं, मुझे उन पर भरोसा है, वो किसी मजबूरी में ही उस लड़की को बाइक पर बैठाकर ले जा रहे होंगे, किसी और को बैठाना उनके लिए मुश्किल है, क्यूंकि वो बहुत शर्मीले हैं।" मानवी बोली।
"तेरी मर्ज़ी, पर ज्यादा भरोसा भी मत कर, नहीं तो कल को रोएगी, दोस्त हूं तेरी इसलिए समझा रही हूं, ज्यादा लैला मत बन, नहीं तो अमन जी किसी और के मजनूँ बन जाएंगे।" हल्की मुस्कुराहट के साथ माया बोली।
थोड़
ी देर बाद मानवी घर आती है, तब तक अमन घर आ चुका होता है, मानवी इससे पहले की उस बाइक वाली लड़की के बारे में अमन से कुछ पूछे, उससे पहले ही अमन बोलता है
"यार मानवी, तुम्हें पता है, वो माया दी का हसबैंड निखिल किसी और से प्यार करता है, उसने एक लड़की को बिना ये बताए की वो शादीशुदा है उससे प्यार का नाटक करने लगा और जब लड़की को सच्चाई का पता लगा, तब उसे बहुत गहरा दुख पहुंचा, क्यूंकि वो निखिल से बहुत प्यार करती थी, इसलिए डिप्रेशन में आकर आज नदी में कूदने जा रही थी,
मैं वहां से निकल रहा था और मुझे शक हुआ और मैंने उसे बचा लिया और बातों ही बातों में पता लगा, की उसको धोखा देने वाला निखिल है।" अमन ने बताया।
अचानक कुछ गिरने की आवाज़ आई, तो देखा की दरवाजे पर माया खड़ी थी और उसके हाथ से कप गिर गए थे, जो मानवी खरीदकर लाई थी और गलती से माया के पास रह गए थे, वो ही कप माया वापस करने आई थी, माया को उन टूटे हुए कप की जगह टूटी हुई माया और टूटा हुआ विश्वास नजर आ रहा था।