STORYMIRROR

Dr.Deepak Shrivastava

Abstract Others

3  

Dr.Deepak Shrivastava

Abstract Others

नारी सुख

नारी सुख

2 mins
157

जीवन में नारी सुख हर किसी को नहीं मिलता। जिसकी किस्मत में होता है वो ही विवाह के बंधन में बंधता है उसे परिवार बच्चों का सुख उसी के साथ मिलता है कभी कभी तीन तीन विवाह करने के उपरांत भी पुरुष ये नारी सुख यानी की परिवार के सुख से वंचित रहता है।

मेरे एक मित्र के बेटे के तीन विवाह हुए लेकिन असमय ही वो काल का ग्रास बन गया। एक विवाह हुआ पत्नी कुछ महीने साथ रही फिर तलाक हो गया। लड़की अच्छी थी सब देखभाल कर शादी की थी

खूब धूमधाम हुई घराती बाराती बैंड बाजे धूम धड़ाका हुआ सारी रस्में अच्छे से हुई

दहेज़ भी मिला। अच्छी शादी हुई।

लड़की भी सुन्दर थी पड़ी लिखी अच्छे घर की कन्या। सब कुछ अच्छा होने के उपरांत भी वो साथ कुछ ही महीने का रहा तलाक हो गया

फिर दूसरी शादी हुई उसमें भी कुछ ऐसा हुआ के लम्बे समय नहीं चल सकी मित्र से जब इस सम्बन्ध में बात की तो उसका कहना था के इसकी किस्मत में तीन शादियाँ हैं पंडित ने कहा है मुझे समझ में कुछ नहीं आया लेकिन स्थितियों को देखकर ऐसा ही लग रहा था फिर तीसरी शादी हुई फिर वो ही धूमधाम बैंड बाजे हर बार बारात मे हम भी शामिल हुए ये शादी कुछ समय टिकी एक बच्चा भी हुआ लेकिन फिर वो ही तलाक की प्रक्रिया भरण पोषण की मांग किसी को चार लाख किसी को पांच लाख किसी ने दस लाख की मांग की

मित्र का पेंशन पे मिली रकम इसी में ख़त्म हो गई कुछ समय बाद लड़के को किसी बीमारी ने आ घेरा और उसकी मृत्यु हो गयी

हमें भी बहुत दुःख हुआ हमारे बेटे जैसा था

इस सबसे हमें यही समझ आया के उसकी किस्मत में परिवार का पत्नी का बच्चों का

सुख नहीं था अन्यथा तीन तीन शादी करके भी आदमी अकेला कैसे हो गया

कहते हैं नारी सुख भी किस्मत से ही मिलता है हर किसी की किस्मत में ये सुख नहीं होता, बहुत से कुंवारे घूमते रहते हें किसी को चार चार नारियों का सुख हासिल होता है 


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Abstract