बद उम्र जोड़ा
बद उम्र जोड़ा
सभी जगह कुछ ना कुछ ऐसा होता है जो वहां के निवासियों को अचंभित करता है लेकिन कहीं कुछ ऐसा भी होता है जिसका जवाब किसी के पास नहीं होता सिर्फ उस के अलावा जिसकी चर्चा हर जुबान पर होती है
ऐसा ही कुछ हमारी सोसाइटी में हो रहा था जैसा सभी जगह सोसाइटीओं में होता है सुबह साम जवान ओर बूढ़े स्त्री पुरुष घुमते रहते हैँ कुछ के हाथ में उनके पालतू विदेशी नस्लों के कुत्तों की चैन होती है
बच्चे खेलते हुए सैतानियाँ करते हुए रहते हैँ
हमारी सोसाइटी में 850फ्लैटस होने के कारण काफ़ी संख्या में लोग निवास करते हैँ ज्यादातर लोग एक दूसरे से परिचित हैँ धीरे धीरे मिलते जुलते दोस्ती भी हो जाती है
कुछ ना कुछ कार्यक्रम होते भी रहते हैँ तो मिलना मिलाना होता ही है बस आदमी मिलनसार होना चाहिए कुछ गुट बन जाते हैँ
जो सुबह शाम बातें करते हुए घूमते रहते हैँ कुछ गार्डन में योगा प्राणायाम में लगे रहते हैँ हम भी अपने दोस्तों के साथ सुबह शाम घूमने के लिए निकलते हैँ ओर भी कई होते हैँ कुछ अकेले कुछ जोड़ों के साथ यानि की पति पत्नी. जहाँ तक पति पत्नी ओर हमउम्र मित्रों का सवाल है ठीक है लेकिन हमारे यहाँ एक जोड़ा ऐसा भी सुबह शाम घूमताहुआ सभी अचंभित करता लोगों के दिलों में इर्षा जगाता हुआ कई प्रश्न पैदा करता हुआ नजर आता है जिसे देख कर क्या बूढ़े क्या जवान सभी अपनी अपनी प्रतिक्रिया में कुछ ना कुछ सोचते ओर बातें करते हैँ बूढ़ो में इर्षा होती है की ऐसा हमारे साथ क्यों नहीं होता जवान उनको देखकर मन मसोसते हैँ के हमारे साथ क्यों नहीं.
कई बार हमने उनसे इस बारे में बात करने का सोचा लेकिन यही सोचकर के हमें क्या करना है चुप रह गए हमारे मित्र हमें उकसाते लेकिन फिर भी हम चुप रहते
अब आपको बता ही दें की आखिर माजारा क्या है जिसके कारण सभी अपने को इतना इर्षा से घिरा पाते हैँ कारण हमारी सिसाइटी में एक बुजुर्गवार लगभग 70-75वर्ष की उम्र गर्दन झुकी हुई चमड़ी में सलवटे
झुर्रियाँ बुढ़ापे के निशान लिए एक खूबसूरत हसीना के साथ चुस्त लिबास अपने नितम्भ ओर उरोजों को दिखाती हुई घूमते हुए गुफ्तगू करते हुए नजर आते हैँ जिन्हे देखकर सब अपने मन में कयास लगाते हैँ कोई कहता है बाप बेटी होंगे कोई कहता पास पड़ोसी होंगे कोई कहता रिस्तेदार होंगे सबका अपना अपना नज़रिया ओर उसका जवाब किसी के पास नहीं
जवान सोच कर इर्षा में जलता की हमारे साथ क्यों नहीं हमारे पास क्यों नहीं
बूढ़े भी इसी सोच में दुबले हो रहे के हम में क्या कमी है बाहें फैला कर घूमते छाती फुलाकर दिखाते यही चलता है लेकिन कोई उनसे ये नहीं पूछ पाता के यदि बाप बेटी हैँ तो साथ साथ क्यों नहीं रहते पति पत्नी हैँ तो भी साथ रहना बनता है प्रेमी प्रेमिका हो नहीं सकते उम्र का जो फर्क है उसे कोई मानने नहीं देता रिस्तेदार भी कोई ऐसे नहीं मिलते
उनमे भी कुछ दूरियां होती हैँ हो भी सकता है लेकिन लोग मानाने को तैयार नहीं होते खेर ये सभी के लिए अचंभित ओर इर्षा का प्रश्न है जिसे हम यहाँ नुरुत्तर ही छोड़ते हैँ कभी जवाब मिलेगा तो बताएँगे ओर यदि आप में किसी को पता हो तो बतायें हम इंतजार करेंगे
