संयुक्त परिवार
संयुक्त परिवार
पूजा घर की बड़ी बहु एक स्कूल मे अध्यापिका की नौकरी भी करती है ओर घर की जिम्मेदारियां भी संभालती है।
हमेशा जब भी आती है
बड़ी थकी थकी सी कभी माइग्रेने की शिकायत कभी कुछ ओर मानसिक परेशानिया हमेशा उसे रुलाती हैँ वो संवेदनशील है यह उसकी बातों से पता चलता है
होम्योपैथिक चिकित्सक होने के नाते मेरे हमेशा उससे कई सवाल होते थे जब भी वो आती में उससे उसके घर परिवार के बारे में पूछ लेता था क्योंकि हम लोग मानसिक लक्षण को ज्यादा महत्व देते हैँ चिकित्सा भी सुगम हो जाती है।
एक दिन जब पूजा आयी तो बहुत उदास थकी हुई चेहरा उतारा हुआ अपनी बीमारी बताते हुए रोने लग गयी. मैंने जब रोने का कारण पूछा तो बड़ी मुश्किल से उसने बताया की उसके ससुर ने उन्हें अलग कर दिया है देवर को नीचे का पोरशन ओर हमें ऊपर का दिया है जब से हम लोग ऊपर रहने गए हैँ बिलकुल मन नहीं लग रहा है रोना ही आता रहता है खाने में भी मन नही लगता है किसी भी काम में मन नहीं लगता है बच्चे भी नीचे ही खेलते हैँ खाना भी वहीँ खा लेते हैँ
हमेशा संयुक्त परिवार में रही हूँ पीहर में भी सभी लोग साथ साथ रहते थे यहाँ भी दस साल से साथ ही थे पता नही ससुर जी को क्या सूझी के एक दिन सब को बुलाकर बंटवारा कर दिया कहने लगे मेरे जीते जी तुम अपने अपने बनाओ खाओ ओर रहो. हमने कहा भी की ऐसा क्या हुआ जो आप ऐसा कर रहे हैँ लेकिन वो नही माने मजबूर होकर हमें ऊपर शिफ्ट होना पढ़ा।
आज भी मैंने ऊपर खाना ही नहीं बनाया निचे ही सबका खाना सुबह ही बना कर स्कूल गयी हूँ
मुझे अच्छा लगा ये सब सुनकर अन्यथा आज के समय में संयुक्त परिवार में कौन रहना चाहती हैँ शादी होने के कुछ समय बाद ही अलग होने की बातें होने लगती हैँ इसी कारण एकल परिवार बढ़ते जा रहे हैँ बच्चे भी पालनाघर में पल कर बड़े हो रहे हैँ दिन ब दिन क्रेचेस ओर डे केयर सेंटर की संख्या बढ़ती जा रही है माँ बाप के साथ रहना नहीं फिर कैसे सब होगा कहीं बाहर नौकरी हो तो ओर भी अच्छा समझती हैँ झंझट ही नहीं रहता दो चार दिन के लिए आये अच्छे से रहे ज्यादा समय घूमने फिरने में निकल गया ओर वापस चल दीये
यही हर घर की कहानी सुनाई देती है लेकिन आज पूजा की कहानी सुन कर मन को बड़ा संतोष हुआ ओर अच्छा लगा की आज भी ऐसी बहुएँ हैँ जो सबके साथ रहना पसंद करती हैँ संयुक्त परिवार को अच्छा मानती हैँ उसके गुण अवगुण को समझती हैँ
हमने पूजा को कहा भी के हम तुम्हारे ससुर जी से बात करते हैँ लेकिन उसने मना कर दिया के नहीं आप उनसे कहेँगे तो उनको बुरा लगेगा की बहु घर की बातें बाहर करती है यह ओर भी अच्छी बात लगी के घर की बातें घर में ही रहनी चाहिए बाहर नहीं करनी चाहिए
खैर पूजा को तो हमने दवाई दे कर भेज दिया लेकिन उसकी बातों से प्रभावित हुए बिना हम नहीं रह सके
उसके विचार मंथन करने लायक हैँ सभी को आज सींचने की जरुरत है
संयुक्त परिवार जो की आज की बहुत बढ़ी अवश्यकता है क्योंकि ज्यादातर पति पत्नी नौकरी करते हैँ पूरे दिन बाहर रहते हैँ घर पर ताला रहता है बच्चे डे केयर सेंटर में पलते हैँ घर पर हैँ तो उन्हें कोई रोकने टोकने वाला नहीं है संस्कारों की कमी होने का एक बड़ा कारण ये भी है
जो भी हो पूजा के विचारों ने हमें झकझोर दिया था आज हमने उन्हें अपने शब्दों से यहाँ उतार दिया।
