मन की कलियाँ
मन की कलियाँ
स्टोररूम की सफ़ाई करते हुए एक अलमारी में बड़ी सहेजकर रखी हुई डायरी पूजा के हाथ लगी। उसके कवर पर उसकी माँ किरण का नाम लिखा था।
पूजा उसको खोलकर पढ़ने लगी। पूजा तो हैरान रह गई, जब उसने डायरी में कविताएं लिखी देखीं। उसने एक कविता पढ़ी, तो उसे बहुत सुंदर लगी।
वह उस डायरी को लेकर माँ को दिखाने के लिए ले गई। किरण उस डायरी को देखकर थोड़ी भावुक सी हुई।
पूजा ने उन सब कविताओं को सोशल मीडिया पर किरण के नाम से पोस्ट किया। किरण की कविताएं तो सुपरहिट हो गईं।
किरण ने फिर से कविताएं लिखना शुरू कर दिया। इसी तरह किरण कविता लिखती रहती और पूजा उस कविता को सोशल मीडिया पर अपलोड करती रहती।
एक दिन एक बड़े फिल्म निर्माता राजीव खन्ना की नज़र किरण की कविताओं पर पड़ी। राजीव को वे कविताएं इतनी पसंद आईं कि उसने फ़ौरन पूजा से संपर्क करके किरण के लिए अपनी आने वाली फिल्म के सभी गीत लिखने का प्रस्ताव रख दिया।
किरण को लगा कि आख़िर आज उसने मुक़ाम पा ही लिया था, वह मुस्कुरा उठी। लग रहा था कि वर्षों बाद मन की कलियाँ फिर से खिलने को आतुर हैं।
