Amit Singhal "Aseemit"

Drama Tragedy Inspirational

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Amit Singhal "Aseemit"

Drama Tragedy Inspirational

मन की बात

मन की बात

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   एक जैसी दिनचर्या से कभी मन उदास सा हो जाता है। कुछ बदलाव सा चाहता है। मन करता है कि कहीं लंबी यात्रा पर जाऊं। मगर कहीं नहीं जा सकता हूं। 


   बच्चों को कोचिंग देता हूं। तो सप्ताह के छह दिन उनको पढ़ाना भी ज़रूरी होता है। एक भी क्लास मिस नहीं कर सकता।

 

   कभी कभी तो रविवार को भी पढ़ाना पड़ता है। उनके महीने के टेस्ट और परीक्षा की तैयारी करानी पड़ती है। 


   कई बच्चों के भविष्य मेरे कंधों पर टिके हैं। तो ख़ुद के लिए खुशी के पल कैसे निकाल लूं! उनके और अपने काम के साथ बेईमानी नहीं कर सकता न!


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