मन का वहम या सच
मन का वहम या सच


गांव के पास खेत में से रात को डरावनी आवाज आती रहती थी, लोगों को लगता था वहां भूत प्रेत का साया है क्योंकि उस खेत में एक व्यक्ति की मृत्यु हुई थी, लोगों के मन में वहम था कि वहां कुछ ना कुछ तो जरूर है। लोगों का दावा था कि वहां उस व्यक्ति की आत्मा घूम रही है । कुछ लोगों का दावा तो उसे देखने का भी था। हम भी एक रात अपने खेत में उधर से जा रहे थे। हमारे खेत का रास्ते में वह खेत पढ़ता था। हमें बहुत डर लग रहा था। अचानक हमारी बाइक खराब हो गई। हमने देखा हमारी बाइक उस डरावनी खेत के पास खराब हुई है। मैं बहुत डर गयी थी। मुझे अचानक से लगा क्या हुआ। मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो वहां कोई नहीं था। मुझे अचानक पसीना आने लगा और मैं घबराने लगी। मेरे भाई ने मुझसे पूछा क्या हुआ तुम इतना डर क्योंं रही हो। मैंने क
हा तुम्हें कोई आवाज सुनाई दी। उसने कहा नहीं मुझे तो कुछ नहीं सुनाई दीया। अचानक से ऐसा लगा कि मेरी मेरा दुपट्टा किसी ने खींचा। मैं बहुत ज्यादा डर गई थी। भाई बाइक को सही कर रहा था। फिर मुझे अचानक एक साया दिखाई दिया। ऐसा लगा कि वह मुझे अपनी तरफ से ला रहा है। मैं इतनी डर गई मैंने अपने भाई को कहा जल्दी से यहां चलो। डर के मारे मेरा बीपी कम हो गया और मैं वहीं बेहोश हो गई। सुबह आंख खुली तो मैं घर पर थी। पापा ने पूछा क्या हुआ तुम बेहोश कैसे हो गई। मैंने उन्हें बताया। सब हँसने लगे और कहा यह तुम्हारा मन का वहम था वहां कुछ भी नहीं है। फिर मम्मी ने मुझे पानी पिलाया और दवाई दी और कहा चिंता मत करो कुछ नहीं है। पर मेरे मन में यह बात बैठ गयी कि वहां कुछ तो था। उसके बाद में कभी उस जगह नहीं गई।