नारी का संघर्ष 2
नारी का संघर्ष 2
संतोष अपनी बेटी टीना के लग कर उन सभी पुरानी यादों में खो जाती है उसे वह दिन याद आता है जब उसकी शादी नहीं हुई थी जब उसकी उम्र 20 साल की थी उसके परिवार वालों ने शादी तय कर दी। संतोष ने अपने माता-पिता के साथ बहुत खुशियां पाई थी। वह परिवार में इकलौती लड़की थी। उसके परिवार ने उसे बहुत पाला पोसा पढ़ाया था।
पर लोगों के कहने पर उसकी जल्दी शादी कर दीं। अच्छा रिश्ता है सोच कर शादी कर दी। जब तक संतोष की बीए फाइनल नहीं हुई थी। ससुराल वाले बहुत अमीर थे माता-पिता ने सोचा संतोष खुश रहेगी। संतोष ने पहले वादा किया कि उसे वह पढ़ाएंगे संतोष भी बहुत खुश थी कि उसे इतना अच्छा परिवार मिला वह भी पढ़ आएंगे। परंतु कहते हैं ना जिनको ससुराल में खुशियां मिले नेम मायके में नहीं मिलती जिन्हें मायके में मिलने ससुराल में खुशियां नहीं मिलती।